किसानों के आंदोलन और विरोध के बीच तीनों कृषि बिल बने कानून, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बिल पर किए हस्ताक्षर

राष्ट्रपति द्वारा जिन विधेयकों को मंजूरी मिली है, उनमें कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक 2020, कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक-2020 शामिल हैं।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

एक ओर जहां मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि बिलों के खिलाफ किसान सड़कों पर है वहीं इन सबके बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किसानों और राजनीतिक दलों के लगातार विरोध के बीच मॉनसून सत्र में संसद से पास किसानों और खेती से जुड़े बिलों पर अपनी सहमति दे दी है। जानकारी के मुताबिक तीनों कृषि विधेयकों पर राष्ट्रपति ने हस्ताक्षर कर दिए हैं। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ ही अब ये विधेयक कानून बन गए हैं।

आपको बता दें, संसद के मॉनसून सत्र में लाए गए कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक 2020, कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक-2020 को पहले संसद के दोनों सदनों की मंजूरी मिल चुकी है। अब इस पर राष्ट्रपति की मुहर भी लग चुकी है। ये तीनों विधेयक कोरोना काल में पांच जून को घोषित तीन अध्यादेशों की जगह लेंगे।

उधर, कृषि विधेयकों के खिलाफ देश भर के किसानों ने 25 सितंबर को भारत बंद बुलाया था। लेकिन किसानों की मांग का मोदी सरकार पर कोई असर नहीं दिखा। पंजाब में कृषि बिलों के विरोध में किसानों का रेल रोको आंदोलन जारी है। आपको बता दें, राजनीतिक दलों समेत किसान संगठनों द्वारा 25 सितंबर को बुलाए गए भारत बंद का सबसे ज्यादा असर उत्तर भारत, खासतौर से पंजाब, हरियाणा और पश्चिम उत्तर प्रदेश में देखा गया। हालांकि, अन्य राज्यों में भी विपक्षी दलों और किसान संगठनों ने जगह-जगह प्रदर्शन किया।

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