कांग्रेस के उदयपुर चिंतन शिविर की तैयारी तेज, मौजूदा चुनौतियों से निपटने और चुनावी रणनीति पर होगी गहन चर्चा
कांग्रेस पार्टी का नव संकल्प शिविर राजस्थान के उदयपुर में होने वाला है। 13 से 15 मई तक होने वाले इस शिविर के लिए दिल्ली और राजस्थान दोनों जगह तैयारियां तेज हो गई हैं। शिविर में करीब 400 कांग्रेसियों के शामिल होने की संभावना है।
राजस्थान करीब 9 साल बाद एक बार फिर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के चिंतन शिविर की मेजबानी करेगा। इस बार चिंतन शिविर का नाम नव संकल्प चिंतन शिविर रखा गया है। शिविर का आयोज झीलों के शहर उदयपुर में 13 से 15 मई के बीच किया जा रहा है, जिसमें देशभर से पार्टी के 400 से अधिक नेता-कार्यकर्ता हिस्सा लेंगे।
माना जा रहा है कि इस शिविर के दौरान एक सदी से भी ज्यादा पुरानी राजनीतिक पार्टी में संगठनात्मक बदलावों, पार्टी को बुनियादी तौर पर मजबूती देने और जमीनी स्तर पर सामने आ रही राजनीतिक चुनौतियों को लेकर चर्चा होगी। इस शिविर के बाद कांग्रेस एक नई ऊर्जा और संकल्प के साथ 2024 के आम चुनावों की तैयारियों में जुट जाएगी। शिविर के दौरान किसानों और कृषि क्षेत्र, सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण, युवा शक्तिकरण, राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों पर फोकस रखेगी।
इस दौरान बीजेपी का राजस्थान में मुख्य फोकस आदिवासी बहुल मेवाड़ क्षेत्र पर रहा है, जोकि महाराणा प्रताप की कर्मभूमि रही है और जहां उन्होंने मुगल राजा अकबर से लोहा लिया था। यहीं हल्दीघाटी की मशहूर लड़ाई भी हुई थी। मेवाड़ा के तीन जिले मंसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ की सभी विधानसभा सीटें आदिवासियों के लिए सुरक्षित हैं। मेवाड़ और वगाड क्षेत्रों को मिलाकर दो लोकसभा सीटें हैं और वह भी आदिवासियों के लिए सुरक्षित हैं।
गुजरात और मध्यप्रदेश की सीमा से लगे इस क्षेत्र को राजनीतिक तौर पर काफी अहम माना जाता है। 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन इस इलाके में काफी अच्छा रहा था। इसके बाद से राजस्थान सरकार ने आदिवासियों के लिए कई कल्याण योजना शुरु की है और उनके नतीजे भी काफी अच्छे रहे हैं। कांग्रेस इस गढ़ पर मजबूत पकड़ बनाए रखने और राजस्थान के साथ ही गुजरात के आदिवासी इलाकों में भी एक संदेश देना चाहती है। ध्यान रहे कि गुजरात में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं।
पार्टी के उदयपुर में चिंतन शिविर का आयोजन किए जाने का सुझाव देने से पहले ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस इलाके के दौरे करते रहे हैं। इस दौरान उन्होंने क्षेत्र के आदिवासी नेताओं आदि से भी मेल-मुलाकातें की हैं।
चिंतन शिविर का आयोजन ताज अरावली होटल में होगा जोकि अरावली पहाड़ियों से घिरे मनोरम बुझदा इलाके में है।
शिविर के दौरान विभिन्न कमेटियों द्वारा तैयार किए गए कई प्रस्ताव पास किए जाएंगे। कृषि और किसानों पर प्रस्ताव भूपिंदर हुड्डा की अगुवाई वाली समिति तैयार करेगी, राजनीतिक प्रस्ताव राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे पेश करेंगे, आर्थिक प्रस्ताव पी चिंदंबरम वाली कमेटी, सामाजिक न्याय पर सलमान खुर्शीद, संगठन पर मुकुल वासनिक और युवा सशक्तिकरण पर प्रसताव राजा वारिंग की अगुवाई वाली कमेटी सामने रखेगी।
शिविर के दौरान हाल के चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन पर गहरा मंथन होगा और इस बात पर चर्चा होगी कि क्या क्षेत्रीय दलों से गठबंधन किया जाए या नहीं। हाल ही में संपन्न यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अकेले ही चुनाव लड़ा था और परिणाम निराशाजनक रहे थे। इसी प्रकाश में चर्चा होगी कि क्या समान विचारधारा वाली पार्टियों से गठबंधन और चुनावी तालमेल किया जा सकता है? इस बारे में पार्टी की प्रदेश कमेटियों के सुझावों पर विचार किया जाएगा।
याद दिलादें कि 2013 में जयपुर में हुए पार्टी के अधिवेशन में हुई चर्चा और मंथन के बाद राहुल गांधी को पार्टी का उपाध्यक्ष मनोनीत किया गया था।
चिंतन शिविर की तैयारियों का जायजा लेने के लिए पार्टी महासचिव औ राजस्थान प्रभारी अजय माकन उदयपुर का दौरा करेंगे। माकन 4 मई को जयपुर पहुंचेगे जहां से वे उदयपुर जाकर संकल्प चिंतन शिविर की तैयारियों का जायजा लेंगे। संभावना है कि उनके साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह दोस्तारा और कुछ अन्य मंत्री भी उदयपुर का दौरा करेंगे।
संभावना है कि पार्टी के संगठन महासचिव और राजस्थान से राज्यसभा सांसद के सी वेणुगोपाल भी महा चिंतन शिविर की तैयारियों का जायजा लेने के लिए उदयपुर जाएंगे।
बताया जाता है कि एआईसीसी कार्यसमिति के सभी सदसयों, सभी महासचिवों और प्रदेश प्रभारियों, सभी सांसदों और राज्य विधायकों समेत करीब 400 कांग्रेसी इस शिविर में हिस्सा लेंगे।
हालांकि फाइव स्टार होटल ताज अरावली को अभी शिविर का आयोजन स्थल बताया गया है लेकिन इस बारे में अंतिम निर्णय 4 मई को अजय माकन के उदयपुर दौरे के बाद लिया जाएगा।
इस बीच राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने उदयपुर शिविर की तैयारियां अपने स्तर पर शुरु कर दी हैं। इसके लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी जल्द ही एक कार्यकारी समिति बनाएगी। इसके साथ ही एक स्वागत समिति और अन्य कमेटियां भी बनाए जाएंगी जिनके जिम्मे कोआर्डिनेशन, खानपान, ट्रांसपोर्ट, के अलावा शिविर में शामिल होने वालों के रहने, मेडिकल के साथ ही मीडिया आदि से संपर्क के काम होंगे।
कांग्रेस चिंतन शिविर के लिए झीलों के शहर का रंग रोगन आदि शुरु कर दिया गया है और सड़कों आदि की मरम्मत का काम भी किया जा रहा है। इस शिविर में सचिन पायलट की भूमिका अहम रहेगी। सचिन पायलट राजस्थान के अकेले कांग्रेस नेता हैं जिन्हें कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा गठित कमेटी में शामिल किया गया है।
इस बीच चिंतन शिविर के लिए दिल्ली में कांग्रेस मुख्यलाय और उदयपुर दोनों जगह तैयारियों में तेजी आ गई है।
कांग्रेस चिंतन शिविर को लेकर उदयपुर के लोग काफी उत्साहित दिख रहे हैं, क्योंकि इस शिविर में सोनिया गांधी समेत पार्टी के बड़े नेता हिस्सा लेने वाले हैं।
ऐसा माना जा रहा है कि विभिन्न कमेटियों द्वारा दिए गए सुझावों पर चर्चा के अलावा भी इस शिविर में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। साथ ही कई राज्यों में कांग्रेस कमेटियों में बदलाव भी संभावित है। बता दें कि हरियाणा, हिमाचल आदि राज्यों में पहले ही बदलाव किए जा चुके हैं। हरियाणा में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुमार सैलजा की जगह चार बार के विधायक उदयभान को कमान दी गई है, वहीं हिमाचल में मंडी से सांसद प्रतिभा सिंह को अध्यक्ष बनाया गया है। प्रतिभा सिंह पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिं की पत्नी हैं। उन्होंने कुलदीप राथेड़ की जगह ली है। राथेड तीन साल पार्टी अध्यक्ष थे। हिमाचल में पार्टी ने चार कार्यकारी अध्यक्ष भी नियुक्त किए हैं जो प्रतिभा सिंह को पार्टी के कामों में सहयोग करेंगे। इनमें हर्ष महाजन, राजिंदर राणा, पवन काजल और विनय कुमार शामिल हैं। राजिंदर राणा ने पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के पिता प्रेम कुमार धूमल को चुनावों में पराजित किया था।
राजस्थान में प्रदेश कांग्रेस कमेटी में बदलाव को फिलहाल स्थगति कर दिया गया है। इस राजस्थान प्रदेश कांग्रेस प्रदेश ने शिविर में हिस्सा लेने वाले लोगों की पहली सूची तैयार कर ली है। इनमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, एआईसीसी महासचिव अजय माकन, पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, राज्यसभा सदस्य नीरज डांगी, कांग्रेस कार्यसमिति सदस्य रघुवीर मीणा, एआईसीसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता मोहन प्रकाश शामिल हैं।
इसके अलावा आईसीसी महासचिव जितेंद्र सिंह, गुजरात के प्रभारी एआईसीसी महासचिव रघु शर्मा, पंजाब प्रभारी एआईसीसी महासचिव हरीश चौधरी, एआईसीसी सचिव जुबैर खान और धीरज गुर्जर, पूर्व केंद्रीय मंत्री नमो नारायण मीना और लाल चंद कटारिया और पूर्व पीसीसी अध्यक्ष गिरिजा व्यास, बी डी कल्ला ,डॉ चंद्रभान, पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी और मेमाराम चौधरी और गहलोत के मंत्रिमंडल में मंत्री शांति धारीवाल, महेंद्रजीत सिंह मालवीय, अर्जुन सिंह बामनिया और ममता भूपेश आदि के नाम शामिल हैं।
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