महापंचायत में किसान आंदोलन में खुलकर शामिल होने का आह्वान, जयंत चौधरी बोले- सरकार न भूले क्रांति भूमि है मुजफ्फरनगर
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में शुक्रवार को किसानों की महापंचायत हुई। इस दौरान हजारों की संख्या में किसान पश्चिमी उत्तर प्रदेश जुटे। इस महापंचायत में नेताओं का भी जमावड़ा देखने को मिला। RLD नेता जयंत चौधरी भी मुजफ्फरनगर की महापंचायत में शामिल हुए। इस महापंचायत में AAP सांसद संजय सिंह भी मौजूद रहे।
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में आज किसानों की महापंचायत हुई। इस महापंचायत में हजारों की संख्या में किसान पश्चिमी उत्तर प्रदेश से जुटे। मुजफ्फरनगर में हुई महापंचायत में किसानों के आंदोलन को जारी रखने का ऐलान किया गया। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय चौधरी नरेश टिकैत ने जीआईसी के मैदान में पंचायत में पहुंचे सभी लोगों का एक जुट होने को कहा। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में जीआईसी के मैदान में हुई महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने किसानों से खुलकर दिल्ली आंदोलन में शामिल होने का आह्वान किया।
नरेश टिकैत ने कहा कि भारतीय किसान यूनियन अनुशासन के लिए जाना जाती है हम इसी में रहकर काम करेंगे बस बीजेपी वालों से संभल कर रहें। महापंचायत के दौरान जयंत चौधरी ने लोटे में नमक गंगाजल डलवाकर कसम खिलवाई की सब किसान एकजुट रहें। रालोद के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व सांसद जयंत चौधरी ने बीजेपी की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि "मुझे चौधरी अजित सिंह ने इस आंदोलन में इसलिए भेजा है, क्योंकि किसान ही तानाशाह सरकार से लड़ाई लड़ सकता है।" उन्होंने कहा कि अगर किसान कमजोर होगा, तो देश तबाह हो जायेगा।
जयंत ने कहा कि देश में ऐसा पहली बार हो रहा है कि रेप होता है, तो उसकी भी जांच की जाती है। उन्होंने हाथरस की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि पीड़िता के साथ जो हुआ, वह बहुत ही गलत हुआ। बहुत ही अमानवीय था। हम वहां गये, तो हमें रोका गया। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार नहीं चाहती थी कि पीड़िता के परिवार को न्याय मिले, इसलिए सरकार ने वहां लाठियां चलवाईं। उन्होंने कहा कि सरकार शायद यह भूल गई है कि मुजफ्फरनगर क्रांति भूमि है। यहां से कई बड़ी-बड़ी लड़ाइयां न सिर्फ लड़ी गईं, बल्कि जीती भी गई हैं।
उन्होंने कहा कि किसानों की लड़ाई ऐसे लोगों से है, जो अपनी गलती नहीं मानते हैं। किसान इतने दिनों से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक बार भी किसानों की बात नहीं की है। उन्होंने कहा कि देश के आगे यह बड़ी चुनौती है। 70 प्रतिशत लोग किसान हैं, अन्नदाता हैं, जो कि भगवान का रूप होते हैं। भगवान का रूप कहे जाने वाले किसान अब सड़कों पर आ चुके हैं, लेकिन प्रधानमंत्री अपनी हठ पर अड़े हुए हैं। वे विदेशों की बात करते हैं। अमेरिका पर अपना ध्यान रखते हैं, लेकिन किसानों की उन्हें कोई चिंता नहीं है।
जयंत चौधरी ने उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की गद्दी पर बाबाजी विराजमान हैं, वे किसी की भी नहीं मानते हैं। अपनी हठधर्मिता करते हैं। ये लोग ठाठ की जिंदगी जी रहे हैं। इन लोगों की अपनी छोटी सी दुनिया है, इसलिए उन्हें किसान की समस्या से कोई लेना-देना नहीं है। गन्ने का भाव नहीं बढ़ रहा है। यह किसान विरोधी सरकार है। उन्होंने कहा कि अब चुप रहने से काम नहीं चलेगा। सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़नी होगी। किसान अब किसी भी कीमत पर चुप नहीं बैठेगा।
किसान महापंचायत में बोलते हुए कांग्रेस नेता एवं पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक ने कहा कि यदि देश में धरने-प्रदर्शन ना होते तो हम कभी भी देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद नहीं करा पाते। धरना-प्रदर्शन देशवासियों का मौलिक अधिकार है। लेकिन सरकार दमनचक्र के जरिए उसे दबाना चाहती है। धरना प्रदर्शन करना देशवासियों का मौलिक अधिकार है। इसी धरने प्रदर्शन और आंदोलन के सहारे हमारे महापुरुषों, नौजवानों, किसानों व बहन-बेटियों ने अंग्रेजों की दासता से भारत को आजाद कराया था। यदि देश में धरने प्रदर्शन ना होते तो हम कभी भी देश को अंग्रेजो के चंगुल से आजाद नही करा पाते।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार देश के कुछ धनपतियों व उद्योगपतियों के हितों की रक्षा के लिए किसानों पर नए कृषि कानून जबरदस्ती थोपना चाहती है और विरोध करने पर दमनचक्र के जरिए उनकी आवाज को दबाया जा रहा है। लेकिन किसान ऐसा नहीं नहीं होने देंगे और अपनी आवाज को बुलंद करते हुए धरने प्रदर्शन के सिलसिले को जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि हम नेता बाद में है और किसान पहले।
आप सांसद संजय सिंह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की ओर से इस आंदोलन के लिए बिजली व पानी मुहैया कराये जाने का का आश्वासन दिया तथा इस आंदोलन को आप पार्टी के समर्थन का आश्वासन दिया। इसके अलावा कांग्रेस के फायर ब्रांड नेता इमरान मसूद ने बीजेपी को मंच से ललकाराते हुए सुधरने की चेतावनी दी। इसके अलावा जनसमूह को संबोधित करने वाले सभी वक्ताओं ने भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कृषि कानून को वापिस लिये जाने की चेतावनी दी। इसलिए हम भाकियू और किसानों के हर संघर्ष में उसके साथ हैं और आगे भी रहेंगे। महापंचायत में पूर्व विधायक पंकज मलिक, पूर्व विधायक इमरान मसूद, पूर्व सांसद अमीर आलम खान, पूर्व विधायक नवाजिश आलम खान, कैराना के विधायक नाहिद हसन ने भी किसानों की लड़ाई को जायज बताकर किसान संगठनों की लड़ाई में पूरा साथ देने का ऐलान किया।
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