झारखंड के टंडवा में NTPC प्लांट के बाहर पुलिस और ग्रामीणों में भिड़ंत, 27 लोग घायल, एक दर्जन गाड़ियां स्वाहा
टंडवा में एनटीपीसी का प्लांट 1999 से ही निमार्णाधीन है। प्लांट आज तक पूरी क्षमता के साथ चालू नहीं हुआ है। इस प्लांट के लिए जिन स्थानीय ग्रामीणों की जमीन ली गयी है, वो मुआवजा, पुनर्वास और नौकरी से जुड़ी मांगों को लेकर पिछले दो दशकों से आंदोलन कर रहे हैं।
चतरा जिले के टंडवा में नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) के खिलाफ पिछले 14 महीने से आंदोलित विस्थापितों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प में दोनों ओर से 27 लोग घायल हो गये। गुस्साये लोगों ने एनटीपीसी प्लांट के बाहर करीब एक दर्जन हाइवा ट्रकों और दोपहिया वाहनों में आग लगा दी।
सोमवार शाम को हुए हिंसक टकराव के बाद इलाके में जबरदस्त तनाव है। पुलिस ने पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया है। उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के वरीय पुलिस और प्रशासनिक अफसर मौके पर पहुंच गए हैं। मंगलवार को विधानसभा में कई विधायकों ने भी इस घटना पर हंगामा किया, जिसके बाद सरकार ने 24 घंटे के अंदर मामले की जांच करवाकर समुचित कार्रवाई की घोषणा की है।
टंडवा में एनटीपीसी का प्लांट वर्ष 1999 से ही निमार्णाधीन है। प्लांट आज तक पूरी क्षमता के साथ ऑपरेशनल नहीं हुआ है। इस प्लांट के लिए जिन स्थानीय ग्रामीणों की जमीन ली गयी है, वो मुआवजा, पुनर्वास, नौकरी से जुड़ी मांगों को लेकर पिछले दो दशकों से आंदोलन कर रहे हैं। एनटीपीसी प्रबंधन, पुलिस और प्रशासन के साथ दर्जनों बार उनकी झड़प हुई है। कई समझौतों के बावजूद यह मामला आज तक नहीं सुलझा।
पिछले 14 महीने से विस्थापितों और ग्रामीणों का एक बड़ा समूह एनटीपीसी प्लांट के बाहर लगातार धरना दे रहा था। सोमवार शाम को केमिकल लदा एक टैंकर एनटीपीसी प्लांट के लिए आया था। आंदोलित लोगों ने टैंकर को प्लांट के गेट के बाहर ही रोक दिया। पुलिस ने उन्हें हटाने की कोशिश की तो लोग उग्र हो उठे। आंदोलितों ने पथराव किया तो पुलिस ने लाठी चार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े।
इसी दौरान गुस्साए लोगों ने प्लांट के बाहर एनटीपीसी के आठ हाइवा और ट्रक सहित लगभग एक दर्जन वाहनों में आग लगा दी। उन्होंने प्लांट के निर्माण कार्य में लगी आउटसोर्स कंपनी के दफ्तर और साइट पर भी हमला किया और भारी तोड़फोड़ मचायी। लगभग दो घंटे तक चले इस संघर्ष में दोनों ओर से 27 लोग घायल हुए हैं। इनमें से सात लोगों की गंभीर स्थिति को देखते हुए चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए रांची रेफर कर दिया है।
एनटीपीसी और उसके लिए काम कर रही कंपनी को करोड़ों का नुकसान हुआ है। सुरक्षा बलों ने बल प्रयोग कर आंदोलनकारियों को धरना स्थल से खदेड़ दिया है। धरना स्थल पर लगाए गए टेंट को भी जेसीबी से उखाड़ दिया गया। घटना की सूचना पाकर हजारीबाग प्रक्षेत्र के डीआईजी नरेंद्र कुमार सिंह, डीसी अंजलि यादव, एसपी राकेश रंजन, चतरा एसडीपीओ अविनाश कुमार और टंडवा एसडीपीओ शम्भु सिंह दल बल के साथ मौके पर पहुंचे।
इस घटना पर मंगलवार को झारखंड विधानसभा भी गरम रही। कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद, बंधु तिर्की, आजसू पार्टी के सुदेश महतो और बीजेपी के सीपी सिंह ने मामले को उठाया। इन विधायकों ने कहा कि धरना-प्रदर्शन कर रहे एनटीपीसी विस्थापितों पर प्रशासन के द्वारा लाठी- गोली चलाई जा रही है। यह बेहद ही दुखद है। इस पर सरकार से ठोस जवाब की मांग करते हुए विधायक हंगामा करते रहे। बाद में सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि 24 घंटे के भीतर इस मामले की जांच कर समुचित कार्रवाई की जाएगी।
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