पीएमओ ने सर छोटूराम को बताया था ‘जाटों का मसीहा’, बढ़ा विवाद तो डिलीट किया ट्वीट
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि आपने सर छोटूराम को जाति के बंधन में बांधने की कोशिश की है। यह आपकी संकीर्ण वोट बैंक की राजनीति का जीता जागता सबूत है, जो जाति-धर्म के विभाजन से बाहर नहीं आती।
मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा के रोहतक जिले में किसान नेता सर छोटूराम की 64 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया। इस दौरान पीएमओ के ट्वीटर हैंडर से ट्वीटकर चौधरी छोटूराम को जाटों का मसीहा बताया। इस ट्वीट को लेकर लोगों ने सोशल मीडिया पर जमकर हमला बोला, जिसके बाद पीएमओ की ओर से ट्वीट को डिलीट करना पड़ा।
पीएमओ की ओर से ट्वीट डिलीट करने पर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने पीएम मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, अब पीएमओ ने अपना ट्वीट हटा लिया। लेकिन जाति-धर्म के बंटवारे पर वोट बैंक की राजनीति करने वाली अपनी मानसिकता को एक ट्वीट मिटा कर छुपा नहीं सकते। हर रोज आपके अन्याय से त्रस्त किसान अब जाति के जुमलों से नहीं बहकने वाला। आप हरियाणा और देश के किसानों से माफी मांगें।
इससे पहले उन्होंने ट्वीट कर पीएम मोदी पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था, “प्रधानमंत्री जी, इस ट्वीट में आपने दीनबंधु रहबरे आजम सर छोटूराम को जाति के बंधन में बांधने की कोशिश की है। यह आपकी संकीर्ण वोट बैंक की राजनीति का जीता जागता सबूत है, जो जाति-धर्म के विभाजन से बाहर नहीं आती। सर छोटूराम महान नेता थे और पूरे भारत का किसान उन्हें अपना मसीहा मानता आया है।”
इससे पहले पीएमओ की ओर ट्वीट में कहा गया था, “ ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे किसानों की आवाज, जाटो का मसीहा, रहबर-ए-आजम, दीनबंधु चौधरी छोटूराम जी की इतनी भव्य और विशाल प्रतिमा का अनावरण करने का अवसर मिला।”
इस ट्वीट के बाद भारी विरोध होने पर डलीट कर दिया गया। इस ट्वीट में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के वकील सुखविंदर नारा ने कहा कि सर छोटू राम एक जाति विशेष नही, बल्कि किसान, मजदूर और गरीब सबके मसीहा थे।
वहीं वकील नारा ने कहा है कि इस ट्वीट को डिलीट कर पीएम मोदी द्वारा गलती को स्वीकार कर लिया गया है। लेकिन उन्हें चाहिए कि वे आम जनता से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगे। सर छोटूराम को केवल एक जाति तक सीमित रखने और उनका रुतबा कम करने का षड्यंत्र बीजपी ने किया है। उन्होंने आगे कहा कि किसान और मजदूर आपकी बातो में नहीं आने वाला।
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