संवैधानिक मूल्यों को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं पीएम मोदी और बीजेपीः प्रियंका गांधी
प्रियंका ने कहा कि नरेंद्र मोदी ऐसे नेता हैं जो समुदायों और जनता के बीच अविश्वास और भय फैलाते हैं ताकि लोगों को विभाजित करके लंबे समय तक सत्ता में रहा जा सके। वह लोगों की जरूरतों को नजरअंदाज करते हैं। उनका एकमात्र उद्देश्य किसी तरह सत्ता में बने रहना है।
केरल की वायनाड लोकसभा सीट से यूडीएफ गठबंधन की प्रत्याशी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी बुधवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और उसके नेता नरेन्द्र मोदी संविधान के समानता, न्याय और धर्मनिरपेक्षता के मूल्यों को नष्ट करने का प्रयास कर रहे हैं। प्रियंका ने दावा किया कि बीजेपी के पिछले 10 साल के शासन में देश में विभाजन की राजनीति देखने को मिली है जहां सत्तारूढ़ दल ने सत्ता में बने रहने के लिए जनता का ध्यान उनकी वास्तविक समस्याओं से हटाने का प्रयास किया।
मलप्पुरम जिले की वानदूर विधानसभा में चेरूकोडे में एक नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए प्रियंका ने कहा कि जब ऐसे लोग राजनीति में शक्तिशाली हो जाते हैं तो लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी में आने वाली समस्याओं के समाधान पर ध्यान नहीं रहता। बाद में वानदूर विधानसभा क्षेत्र के थुवूर और कालिकावू कस्बों में नुक्कड़ सभाओं को संबोधित करते हुए प्रियंका ने आरोप लगाया कि मोदी ऐसे नेता हैं जो उन्हें चुनने वाले लोगों की अवहेलना करते हैं, लेकिन उनका इस्तेमाल सत्ता में बने रहने के लिए करते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘वह ऐसे नेता हैं जो समुदायों और जनता के बीच अविश्वास और भय फैलाते हैं ताकि लोगों को विभाजित करके लंबे समय तक सत्ता में रहा जा सके। वह लोगों की जरूरतों को नजरअंदाज करते हैं। उनका एकमात्र उद्देश्य किसी भी तरह सत्ता में बने रहना है।’’ प्रियंका ने मोदी पर सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) को अपने ‘व्यापारी मित्रों’ को बेचने, बड़े व्यवसायों के 16 लाख करोड़ रुपये के ऋण माफ करने और किसानों और छोटे एवं मध्यम उद्यमों को बहुत कम सहायता देने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि छोटे और मझोले उद्योग देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी होते हैं और बड़ी संख्या में रोजगार प्रदान करते हैं, लेकिन उन्हें किसानों की तरह ही समर्थन की जरूरत है।
कांग्रेस नेता ने वायनाड लोकसभा क्षेत्र में उपचुनाव के लिए अपने पांच दिवसीय प्रचार अभियान के चौथे दिन आरोप लगाया कि बीजेपी के शासन में देश में किसानों या मध्यम एवं लघु उद्यमों के लिए कोई समर्थन प्रणाली नहीं है। उन्होंने समुदायों के बीच डर और अविश्वास पैदा करने वाले तरीकों की आलोचना करते हुए कहा कि भारतीय राजनीति में इनकी कोई जगह नहीं होनी चाहिए।
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि वायनाड में मसालों जैसे उच्च गुणवत्ता के कृषि उत्पादों की पैदावार होती है, लेकिन किसानों को खेती में कोई भविष्य नजर नहीं आता। उन्होंने कहा कि छात्र एवं अन्य लोग बेहतर रोजगार अवसरों और उच्च शिक्षा की तलाश में विदेश चले जाते हैं।उन्होंने पेयजल, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं जैसे विषय भी उठाए। उन्होंने कहा कि वह एक ‘योद्धा’ हैं और अगर उन्हें मौका मिला तो वह वायनाड के लोगों के लिए संसद और हर दूसरे मंच पर लड़ेंगी ताकि उनके मुद्दों का समाधान निकल सके।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं पीछे नहीं हटूंगी। मैं आपके लिए लड़ूंगी। मैं आपको निराश नहीं करूंगी। अब हम एक परिवार हैं।’’ अपने राजनीतिक जीवन में पहली बार चुनाव लड़ रहीं प्रियंका गांधी सात नवंबर तक केरल में रहेंगी। वायनाड लोकसभा उपचुनाव के लिए मतदान 13 नवंबर को होगा। वायनाड सीट के लिए उपचुनाव इसलिए जरूरी हो गया था क्योंकि वायनाड और रायबरेली दोनों जगहों से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद राहुल गांधी ने वायनाड सीट छोड़ने का फैसला लिया था।