देश में नहीं थम रहे पेट्रोल-डीजल के दाम, फिर हुआ इजाफा, आगे भी नहीं राहत की उम्मीद
महंगाई की मार झेल रही देश की जनता पर पेट्रोल और डीजल की मार जारी है। एक बार फिर तेल के दाम बढ़ गए हैं। इस हफ्ते अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल करीब 4 डॉलर महंगा हो गया है। जानकारों के मुताबिक फिलहाल तेल की महंगाई से निजात मिलने की संभावना नहीं है।
देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है। दिल्ली में शुक्रवार को फिर पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी हुई है। पेट्रोल के दाम में 22 पैसे और डीजल के दाम में 28 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है। दिल्ली में पेट्रोल 78.52 रुपये प्रति लीटर और डीजल 70.21 रुपये प्रति लीटर हो गया है।
पेट्रोल के दाम दूसरे शहरों में:
- कोलकाता में पेट्रोल की कीमत 81.44 रुपये प्रति लीटर है
- मुंबई में पेट्रोल की कीमत 85.93 रुपये प्रति लीटर है
- चेन्नई में पेट्रोल की कीमत 81.58 रुपये प्रति लीटर है
डीजल के दाम दूसरे शहरों में
- कोलकाता में डीजल की कीमत 73.06 प्रति लीटर है
- चेन्नई में डीजल की कीमत 74.18 रुपये प्रति लीटर है
- मुंबई में डीजल की कीमत 74.54 रुपये प्रति लीटर है
इस हफ्ते अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल करीब चार डॉलर महंगा हो गया है, हालांकि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार जंग गहराने की आशंका से वैश्विक बाजार में शुक्रवार कच्चे तेल की तेजी थम गई। लेकिन, जानकार बताते हैं मांग और पूर्ति के बदलते परिदृश्य में फिलहाल तेल की महंगाई से निजात मिलने की संभावना नहीं दिख रही है।
एंजेल ब्रोकिंग लिमिटेड के रिसर्च (कमोडिटीज व करेंसी) के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता की माने तो ब्रेंट क्रूड में 80 डॉलर प्रति बैरल और डब्ल्यूटीआई (अमेरिकी लाइट क्रूड) में 75 डॉलर प्रति बैरल का स्तर तक का उछाल देखने को मिल सकता है। इस प्रकार पेट्रोल और डीजल की कीमतें आगे और बढ़ सकती हैं।
अनुज गुप्ता ने कहा कि सऊदी अरब द्वारा कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती करने, अमेरिका में पिछले सप्ताह तेल के भंडार में कमी और ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध से तेल की कीमतों में तेजी आई है, जो आने वाले दिनों में भी जारी रह सकती है। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्टीय बाजार में तेल के दाम बढ़ने से भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी रहेगा।
उन्होंने कहा, "भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में महंगाई से फिलहाल निजात मिलने की संभावना नहीं दिख रही है क्योंकि कच्चे तेल के दाम में आगे और इजाफा होगा।" अनुज गुप्ता ने कहा कि सर्दी के मौसम में अमेरिका में तेल की खपत बढ़ जाती है जिससे कीमतें बढ़ने की पूरी संभावना दिख रही है।
गुप्ता ने कहा कि तेल का दाम बढ़ने से पूरी अर्थव्यवस्था पर असर पड़ता है क्योंकि परिवहन लागत बढ़ जाती है। उन्होंने कहा, "दाल को छोड़कर बाकी सभी वस्तुओं की कीमतें बढ़ रही है। इसलिए त्योहारी सीजन में महंगाई और बढ़ सकती है।"
एनर्जी इन्फॉरमेशन एडमिनिस्ट्रेशन (ईआईए) की रिपोर्ट के मुताबिक, 24 अक्टूबर को समाप्त हुए सप्ताह में अमेरिका में कच्चे तेल का भंडार 26 लाख बैरल घटकर 40.58 करोड़ बैरल रह गया।
कमोडिटी विशेषज्ञ अनुज गुप्ता ने कहा, "डॉलर के मुकाबले रुपये में जारी गिरावट से तेल का आयात महंगा होता जा रहा है, जिससे भारत में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में तेजी बनी रह सकती है।"
घरेलू वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सितंबर डिलीवरी कच्चे तेल का वायदा अनुबंध गुरुवार को 79 रुपये यानी 1.60 की बढ़त के साथ 5,005 रुपये प्रति बैरल पर बंद हुआ। इससे पहले एमसीएक्स पर 10 जुलाई 2018 को तेल का दाम 5,071 रुपये प्रति बैरल पर बंद हुआ था।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में गुरुवार को अमेरिकी लाइट क्रूड डब्ल्यूटीआई का भाव 70.50 डॉलर प्रति बैरल तक उछला और ब्रेंट क्रूड के दाम में 78.32 डॉलर प्रति बैरल तक का उछाल दर्ज किया गया।हालांकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में शुक्रवार को ब्रेंट तकरीबन सपाट 78.02 डॉलर प्रति बैरल था, जबकि डब्ल्यूटीआई का भाव हल्की तेजी के साथ 70.29 डॉलर प्रति बैरल बना हुआ था।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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