निजामुद्दीन मरकज को 14 अक्टूबर तक खुला रखने की अनुमति, दिल्ली हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश को बढ़ाया
इस बीच, दिल्ली पुलिस ने निजामुद्दीन मरकज के प्रबंधन से प्रवेश द्वार और निकास द्वार के साथ-साथ प्रत्येक मंजिल की सीढ़ियों पर लापता सीसीटीवी कैमरों को फिर से वहां स्थापित करने के लिए कहा है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को निजामुद्दीन मरकज में मस्जिद परिसर की पांच मंजिला इमारत को नमाज के लिए फिर से खोलने की अनुमति देने वाले अपने अंतरिम आदेश को 14 अक्टूबर तक बढ़ा दिया है। न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने एक अप्रैल के अंतरिम आदेश को आगे बढ़ाते हुए कहा कि 14 अक्टूबर को सुनवाई की अगली तारीख तक पिछला आदेश जारी रहेगा।
निजामुद्दीन मरकज परिसर में कोविड-पॉजिटिव मामलों में तेजी के बाद 30 मार्च, 2020 से ही मरकज बंद था। 16 मार्च को हाईकोर्ट ने शब-ए-बारात के मद्देनजर समान नियम और शर्तों के साथ लोगों के लिए मस्जिद खोलने की अनुमति दी थी। उसी पीठ ने रमजान के दौरान प्रतिबंधों में ढील देने की दिल्ली वक्फ बोर्ड की याचिका स्वीकार करते हुए कोविड प्रोटोकॉल और सोशल डिस्टेंसिंग के कड़ाई से पालन के साथ मस्जिद को खोलने की अनुमति दी थी।
इसने यह भी स्पष्ट किया कि 'तब्लीगी गतिविधियों' सहित परिसर में कोई व्याख्यान नहीं हो सकता और निर्देश दिया कि केवल नमाज अदा की जा सकती है। साथ ही कोर्ट ने प्रबंधन को प्रत्येक मंजिल पर सीसीटीवी कैमरों से भीड़ की निगरानी करने का भी निर्देश दिया।
इस बीच, दिल्ली पुलिस ने निजामुद्दीन मरकज के प्रबंधन से प्रवेश द्वार और निकास द्वार के साथ-साथ प्रत्येक मंजिल की सीढ़ियों पर लापता सीसीटीवी कैमरों को फिर से वहां स्थापित करने के लिए कहा है।
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