लॉकडाउन में फंसे लोगों को शर्तों के साथ घर लौटने की मिली छूट, लेकिन अस्पष्ट आदेश से भ्रम बरकरार
गृह मंत्रालय ने कहा है कि लॉकडाउन के कारण अलग-अलग जगहों पर फंसे प्रवासी मजदूर, तीर्थयात्री, पर्यटक, छात्र और अन्य लोगों को शर्तों के साथ घर जाने की अनुमति होगी। शर्तों में सफर से पहले स्वास्थ्य परीक्षण से लेकर पहुंचने के बाद क्वारंटीन आदि की बात कही गई है।
केंद्र सरकार ने लॉकडाउन में देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे लाखों प्रवासी मजदूरों, छात्रों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों आदि को कुछ शर्तों के साथ अपने गृह राज्य लौटने की अनुमति दे दी है। इसके लिए सभी संबंधित राज्यों से नो़डल अधिकारी की नियुक्ति करने के साथ ही परिवहन की व्यवस्था करने के लिए भी कहा गया है। हालांकि, इस निर्देश में मंत्रालय ने यह नहीं बताया है कि किसी महानगर में फंसे लोग बस अड्डे तक या बस मिलने वाली जगह तक कैसे पहुंचेंगे और क्या इस व्यवस्था के लिए उन्हें भुगतान करना होगा।
इसके लिए गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन के दौरान अंतरराज्यीय परिवहन को छूट देने के संबंध में बुधवार को आदेश जारी किया है। नेशनल एक्जिक्यूटिव कमेटी के चेयरमैन के तौर पर गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने आपदा प्रबंधन एक्ट के अधिकारों का प्रयोग करते हुए जारी आदेश में कहा कि लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूर, तीर्थयात्री, पर्यटक, छात्र और अन्य व्यक्ति अलग-अलग जगहों पर फंसे हैं। ऐसे में उन्हें शर्तों के साथ जाने की अनुमति होगी। छूट के तहत राज्यों से बाहर से आने वालों लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण से लेकर क्वारंटीन आदि को लेकर सख्त निर्देश जारी किए गए हैं।
साथ ही निर्देशों में कहा गया है कि लॉकडाउन में फंसे लोगों के अंतरराज्यीय परिवहन के लिए सभी राज्य नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करेंगे। राज्यों को अपने लोगों को लाने और दूसरे राज्यों के लोगों को भेजने के लिए उचित प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। एक दूसरे के राज्यों में समूह में फंसे लोगों को लाने और ले जाने के लिए राज्य आपस में चर्चा कर उचित व्यवस्था बनाएंगे।
गृह मंत्रालय ने बाहर से आने वाले सभी व्यक्तियों की स्क्रीनिंग को अनिवार्य कर दिया है। आदेश में कहा गया है कि जांच में असिम्पटोमैटिक होने पर ही लोगों को लौटने का मौका मिलेगा। आदेश में लोगों को लाने और भेजने में इस्तेमाल बसों को सैनिटाइज करने का निर्देश दिया गया है। बस के अंदर भी सोशल डिस्टैंसिंग का पालन कराना होगा। गंतव्य पर पहुंचने के बाद स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी स्क्रीनिंग करेंगे, जिसके बाद लोगों के होम क्वारंटीन या फिर इंस्टीट्यूशनल (संस्थागत) क्वारंटीन में रहना होगा। बाहर से आने वाले लोगों की लगातार निगरानी भी होगी।
गृह मंत्रालय ने अपने आदेश में ऐसे तमाम लोगों को आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित करने का निर्देश भी दिया है। लॉकडाउन के दौरान बाहर से आने वाले लोगों के क्वारंटीन के संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बीते 11 मार्च 2020 को जारी गाइडलाइंस का सभी राज्यों को पालन करना होगा।
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Published: 29 Apr 2020, 9:03 PM