रेप कल्चर के खिलाफ उन्नाव से दिल्ली तक सड़कों पर उतरे लोग, राजधानी में पुलिस से भिड़ंत, कई लड़कियां घायल
उन्नाव रेप पीड़िता की मौत से गुस्साए लोगों ने देश में बढ़ते ‘रेप कल्चर’ के खिलाफ शनिवार को दिल्ली की सड़कों पर कैंडल मार्च निकाला। इस दौरान राजघाट से इंडिया गेट जा रहे प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई, जिससे कई लड़कियां बेहोश हो गईं।
उन्नाव गैंगरेप पीड़िता की दिल्ली के अस्पताल में मौत के बाद देश भर में लोगों में गुस्सा देखा जा रहा है। शनिवार को उत्तर प्रदेश में उन्नाव से लेकर लखनऊ और देश की राजधानी दिल्ली तक लोगों ने सड़कों पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन किया। दिल्ली में शाम को महिला सुरक्षा को लेकर लोगों ने राजघाट से इंडिया गेट तक कैंडल मार्च निकाला। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को इंडिया गेट जाने से बैरिकेड लगाकर रोक दिया। गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने आगे बढ़ते हुए बैरिकेड को तोड़ दिया, जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर वाटर कैनन से ठंडे पानी की बौछार कर दी।
सर्दी के इस मौसम में देर शाम पानी की बौछार और पुलिस और प्रदर्शनकारियों की भिड़ंत में कई लड़कियों के बेहोश होने की खबर है। इस दौरान कई महिलाओं समेत कई प्रदर्शनकारियों को चोटें भी आई हैं। यह कैंडल मार्च दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल की अगुवाई में निकाला गया, जो रेप की घटनाओं के खिलाफ सख्त कानून की मांग के लिए राजघाट पर आमरण अनशन पर बैठी थीं। इस दौरान प्रदर्शनकारी हाथ में 'वी वांट जस्टिस' लिखी तख्तियां लिए हुए थे।
इस बीच प्रदर्शनकारियों पर सर्दी में वाटर कैनन इस्तेमाल किए जाने का बचाव करते हुए दिल्ली पुलिस के पीआरओ एमएस रंधावा ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने आग जैसी कोई चीज पुलिसकर्मियों पर फेंकी थी, जिसके बाद भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने पानी की बौछार की। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों को अरुण जेटली स्टेडियम जाने की इजाजत नहीं थी। इसलिए उन्हें समझाने की कोशिश की जा रही थी, लेकिन वे वापस जाने को तैयार नहीं थे।
इससे पहले शनिवार की सुबह लखनऊ में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बढ़ती रेप की घटनाओं के खिलाफ बीजेपी दफ्तर के बाहर जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस ने कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं पर जमकर लाठियां भांजी। पुलिस ने पुरुषों समेत महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भी दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। इसके थोड़ी देर बाद फिर से कांग्रेस कार्यकर्ता लखनऊ के हजरतगंज में सड़कों पर उतर आए और जमकर नारोबाजी की। शनिवार को ही समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी विधानसभा के बाहर सांकेतिक धरना दिया।
लखनऊ से लेकर दिल्ली तक हो रहे प्रदर्शनों को देखकर साफ समझा जा सकता है कि देश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध को लेकर आम लोगों में कितना ज्यादा गुस्सा है। देश भर से रेप कल्चर के खिलाफ लगातार आवाज उठ रही है। लोगों का कहना है कि सरकार अगर रेप के खिलाफ कानूनों को सख्त कर देती तो हमें हैदराबाद या उन्नाव जैयी घटनाएं नहीं देखनी पड़तीं।
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Published: 07 Dec 2019, 9:18 PM