हिंसा प्रभावित उत्तर-पूर्वी दिल्ली में होली पर रही शांति, सुरक्षाबलों की मौजूदगी में लोगों ने मनाया त्योहार

पिछले दिनों हिंसा से प्रभावित रहे उत्तर पूर्वी दिल्ली के अधिकांश हिस्सों में मंगलवार को होली मनाई गई। दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बलों की इलाके में मौजूदगी में लोग अपने घरों से बाहर भी निकले और कुछ एक स्थानों पर ढोल-नगाड़ों के साथ होली के गीत भी गाए गए।

फोटोः सोशल मीडिया
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आईएएनएस

उत्तर पूर्वी दिल्ली में कड़ी सुरक्षा के बीच होली का त्यौहार शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ। इस दौरान लोग घरों से बाहर भी निकले और एक-दूसरे के चेहरों पर रंग-गुलाल लगाए। हालांकि ये सब दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बलों की इलाके में मौजूदगी में ही संभव हो सका। इस दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने लोगों को होली की शुभकामनाएं दी।

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने स्वयं इस बार होली नहीं खेलने का फैसला किया था। मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस के प्रति जागरूकता फैलाने और उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के मद्देनजर यह फैसला लिया है। केजरीवाल ने समस्त दिल्ली वासियों को होली की शुभकामनाएं दी और कहा, "रंगों के महापर्व होली की आप सभी को शुभकामनाएं।" साथ ही मुख्यमंत्री ने समस्त दिल्ली वालों को इस दौरान कोरोना वायरस के प्रति जागरूक रहने और इसके संक्रमण से बचने को भी कहा है।

वहीं दिल्ली के उप मुख्यमंत्री सिसोदिया ने अपने संदेश में कहा, "विविधता में एकता का नाम है भारत, और इस विविधता का बड़ा प्रतीक है होली का त्यौहार। इस होली आप सबके जीवन में अपार खुशियां आए, आप सबको होली की हार्दिक शुभकामनाएं।"

इससे पहले मंगलवार सुबह होली का त्यौहार होने के बावजूद उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में सन्नाटा पसरा रहा। मौजपुर, विजय पार्क, बृजपुरी, गोकुलपुरी आदि इलाकों में सुबह ज्यादातर लोगों ने घरों से बाहर निकलने से गुरेज किया। हालांकि इन सभी इलाकों में पुलिस और अर्धसैनिक बलों की जबरदस्त मौजूदगी रही। बावजूद इसके अधिकांश लोग घरों के आसपास ही होली मनाते देखे गए।

बृजपुरी में रहने वाले महेश पांडे ने कहा, "हम लोग हर साल की तरह इस बार भी यहां होली मना रहे हैं। हालांकि इस बार हमने स्कूटी या गाड़ी से रिश्तेदारों और दोस्तों के घर जाने का कार्यक्रम रद्द कर दिया है। इस बार हम अपनी गली और आस-पड़ोस के लोगों के साथ होली का आनंद ले रहे हैं।"

लोग जहां अपनी छतों और घरों के बाहर होली खेलते दिखाई दिए, वहीं सड़कों और गलियों में होली खेलने वाली बच्चों और युवाओं की टोलियां कई स्थानों पर नदारद रहीं। यमुना विहार में रहने वाले बीटेक के छात्र आकाश रघुवंशी ने कहा, "हर बार होली से दो दिन पहले ही यहां युवाओं की टोलियां बन जाती थीं। हम भी 20-25 दोस्तों का ग्रुप बनाकर हर बार अलग-अलग मोहल्लों में जाकर होली खेलते थे, लेकिन इस बार माहौल ऐसा नहीं है।"

इन सब के बावजूद पिछले दिनों हिंसा से प्रभावित रहे उत्तर पूर्वी दिल्ली के अधिकांश हिस्सों में मंगलवार को होली मनाई गई। लोग यहां घरों से बाहर भी निकले और कुछ एक स्थानों पर ढोल नगाड़ों के साथ होली के गीत भी गाए गए।

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