पेगासस कांडः राज्यसभा में जांच की मांग करना TMC सांसदों को पड़ा भारी, सभापति ने 6 सदस्यों को किया निलंबित
राज्यसभा की कार्रवाई शुरू होते ही तृणमूल कांग्रेस के सांसद आसन के समक्ष आकर पेगासस जासूसी कांड पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा करने लगे। इसके बाद सभापति ने आसन के समक्ष हंगामा कर रहे सांसदों का नाम लेकर उन्हें पूरे दिन के लिए सदन से निलंबित कर दिया।
राज्यसभा में बुधवार को पेगासस जासूसी कांड की जांच की मांग करना तृणमूल कांग्रेस के छह सांसदों को भारी पड़ गया। सभापति एम वेंकैया नायडू ने मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में लगातार हो रहे हंगामे पर कार्रवाई करते हुए टीएमसी के 6 सांसदों को आज एक दिन के लिए सदन से निलंबित कर दिया। इनमें डोला सेन, नदीमुल हक, अर्पिता घोष, मौसम नूर, शांतापेगा छेत्री और अबीर रंजन बिस्वास शामिल हैं।
सभापति एम वेंकैया नायडू ने कार्यवाही की शुरूआत में उनका नाम लिया और कहा कि जो सांसद वेल में हैं और तख्तियां पकड़े हुए हैं, उन्हें सदन छोड़ देना चाहिए। दरअसल तृणमूल कांग्रेस के सदस्य आसन के समक्ष आकर पेगासस जासूसी कांड पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा कर रहे थे। सभापति ने आसन के समक्ष हंगामा कर रहे टीएमसी सांसदों को पूरे दिन के लिए सदन से निलंबित कर दिया।
सभापति की इस कार्रवाई पर विपक्ष ने कहा कि सरकार विपक्षी दलों के बीच दरार पैदा करना चाहती है, लेकिन वे एकजुट हैं। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि मोदी सरकार के एकता को तोड़ने के प्रयासों के बावजूद विपक्ष एकजुट है। हम पहले गृह मंत्री के जवाब के साथ पेगासस कांड और राष्ट्रीय सुरक्षा पर इसके प्रभाव पर चर्चा की मांग करते हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि इसके बाद 3 काले कृषि कानूनों को निरस्त करने और किसानों की चिंताओं पर चर्चा की जानी चाहिए। हालांकि विपक्षी सांसदों की पेगासस मुद्दे पर चर्चा की मांग को सभापति ने खारिज कर दिया। विपक्ष का आरोप है कि सरकार संसद को कमजोर कर रही है और जानबूझकर हंगामे की स्थिति पैदा कर सदन को बाधित कर रही है।
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