मध्य प्रदेश के बैतूल में पेगासस जैसा कांड, पुलिस पर अवैध तरीके से कई लोगों के कॉल डिटेल निकालने का आरोप
कांग्रेस विधायक निलय डागा ने आरोप लगाया है कि बैतूल में भी पेगासस कांड हुआ है और इसकी जद में 52 जनप्रतिनिधि, व्यापारी और पत्रकार आए हैं जिनकी पुलिस ने अवैध तरीके से सीडीआर निकलवाई है। उन्होंने डीजीपी से शिकायत करते हुए जांच और कार्रवाई की मांग की है।
मध्य प्रदेश के बैतूल जिले की पुलिस पर अवैध तरीके से जन प्रतिनिधियों सहित 52 लोगों की कॉल डिटेल रिकार्ड (सीडीआर) निकालने का आरोप लगा हैं। यह आरोप लगाते हुए कांग्रेस के विधायक निलय विनेाद डागा ने इसकी तुलना पेगासस कांड से की है। हालांकि, पुलिस ने इन आरोपों को निराधार बताया है।
कांग्रेस विधायक निलय डागा ने शुक्रवार को कहा कि बैतूल में भी पेगासस कांड हुआ है और इसकी जद में 52 जनप्रतिनिधि, व्यापारी और पत्रकार आए हैं जिनकी पुलिस ने अवैध तरीके से सीडीआर निकलवाई है। विधायक डागा ने कहा कि बगैर एफआईआर किसी की भी सीडीआर नहीं निकाली जा सकती है। इसलिए इस बात की पूरी आशंका है कि पुलिस ने सभी को कहीं न कहीं किसी न किसी मामले का आरोपी बताकर सीडीआर निकलवाई है। इसमें उनका भी नाम शामिल है और बीजेपी सांसद डीडी उइके का भी।
डागा ने सवाल खड़ा किया कि पुलिस ने आखिर इनकी सीडीआर क्यों निकलवाई? क्या पुलिस ब्लैकमेल करना चाहती है या डराना चाहती है? उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच होना चाहिए, इसके लिए उन्होंने पुलिस महानिदेशक को शिकायत की है। उन्होंने शिकायत में मांग की है कि इस बात की जांच की जाए कि किसके आदेश पर यह सीडीआर निकलवाई गई है और उक्त अधिकारी को बर्खास्त किया जाए।
विधायक डागा ने आगे कहा कि वे इस मुद्दे को लेकर धरने पर बैठेंगे, विधानसभा में उठाएंगे और फिर भी कुछ नहीं होता है तो न्यायालय में भी जाएंगे। इस मुददे को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से भी चर्चा की गई है। कांग्रेस पूरे प्रदेश में यह मुद्दा उठाएगी।
उन्होंने पुलिस को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि जिले में कानून व्यवस्था बिल्कुल लचर हो चुकी है। लगातार चोरियां, डकैती, हत्या के मामले बढ़ रहे हैं। एटीएम कांड में न रुपये बरामद हुए और न ही आरोपी गिरफ्तार हुए। एक ड्राइवर भर को पुलिस ने पकड़ा, जिसकी रिमांड खत्म हो गई, पर कोई जानकारी नहीं। शहर में युवतियों और बालिकाओं का सड़क पर निकलना मुश्किल है। पुलिस का इस ओर कोई ध्यान नहीं है, बल्कि वह झूठी वाहवाही लूटने में लगी है।
दूसरी ओर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नीरज सोनी ने विधायक के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि अपराध में संदिग्धों के सीडीआर निकाले जाते हैं। विधायक और अन्य जनप्रतिनिधि की सीडीआर नहीं निकाली गई है।
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