सीनियर पीडीपी नेता ने शुजात बुखारी की हत्या के लिए महबूबा मुफ्ती को जिम्मेदार ठहराया
शुजात बुखारी की हत्या के लिए पीडीपी के एक नेता ने महबूबा मुफ्ती को जिम्मेदार ठहराया है तो जम्मू-कश्मीर के पत्रकारों ने राज्यपाल एन एन वोहरा से उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है जिन्होंने शुजात बुखारी की शिकायतों पर कुछ नहीं किया।
अभी कुछ दिन पहले पूर्व रॉ प्रमुख अमरजीत सिंह दुलत ने दावा किया था कि वरिष्ठ पत्रकार और संपादक शुजात बुखारी ने हत्या से कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से मिलकर उनकी सुरक्षा बढ़ाने की गुजारिश की थी। महबूबा सरकार में मंत्री रहे नई अख्तर ने भी शुजात बुखारी की हत्या के लिए महबूबा मुफ्ती को जिम्मेदार ठहराया है।
‘कश्मीर होराइज़न’ नाम के स्थानीय अखबार को दिए बयान में अख्तर ने कहा है कि, “सबको पता है कि पुलिस, अर्धसैनिक बल और सेना किसके नियंत्रण में है।”
पीडीपी से समर्थन वापस लेकर सरकार गिराने का ऐलान करने वाले बीजेपी महासचिव राम माधव ने गठबंधन खत्म करने का कारण ‘राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था और बढ़ती आतंकी घटनाओं’ को बताया था। उन्होंने कहा कि, “शुजात बुखारी की हत्या के एक सप्ताह बाद भी हम दोषियों को छू भी नहीं सके हैं।”
गौरतलब है कि पुलिस, अर्धसैनिक बल और सेना राज्य सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन हैं और उसी के दिशा निर्देशों पर काम करते हैं। और गृह मंत्रालय मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के ही पास था। और राज्य की मुख्यमंत्री होने के नाते वह यूनीफाइड कमांड की हेड भी थीं।
इस बीच जम्मू-कश्मीर के पत्रकारों ने सवाल उठाया है कि जब शुजात बुखारी ने खुद ही इस बात की शिकायत की थी कि कुछ न्यूज़ पोर्टल उनके चरित्र हनन का कैंपेन चला रहे हैं, तो भी इस बारे में कोई कदम नहीं उठाया गया। पत्रकारों ने इस सिलसिले में राज्यपाल एन एन वोहरा के पास एक लिखित ज्ञापन भी दिया है। ज्ञापन में जो मांगें उठाई गई हैं, उनमें:
- शुजात बुखारी की हत्या की जांच के लिए अनुभवी और पेशेवर पुलिस अधिकारियों से कराई जाए और जांच टीम में पुलिस के अलावा फोरेंसिक और आईटी एक्सपर्ट्स भी शामिल हों।
- एसआईटी उन हालात, सोशल मीडिया पर चल रहे बदनाम करने के कैंपेन, और उन परिस्थितियों की गहराई से जांच करे जिसकी परिणति शुजात बुखारी की हत्या के रूप में हुई।
- एसआईटी इस मामले में संदिग्ध लोगों को उनके ओहदे और प्रतिष्ठा का ध्यान रखे बिना तुरंत गिरफ्तार करे और उनसे गहन पूछताछ करे, ताकि वे सबूत, खासतौर से टेक्नीकल साक्ष्यों को न मिटा सकें। इस मामले में अगर कोई विदेशी हाथ सामने आता है, या यह पता चलता है कि उन्होंने इस हत्या के लिए उकसाने का काम किया तो उनके खिलाफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट से वारंट जारी कराकर इंटरपोल, दूतावासों या उच्चायोग के माध्यम से भेजा जाए।
- मामले के मुकदमे में अनुभवी और वरिष्ठ वकील की नियुक्ति हो ताकि मुकदमे में बिना वजह की देरी न हो।
- इस हत्या से आम लोग और खासतौर से मीडिया के लोग डरे हुए हैं, इसलिए मामले में जो भी जांच में सामने आए उसकी जानकारी सार्वजनिक की जाए। जांच का दिशा का बहुत ज्यादा खुलासा किए बिना नियमित रूप से जांच की प्रगति के बारे में बताया जाए।
- इसके अलावा उन अधिकारियों के खिलाफ भी जांच की जाए जिन्होंने शुजात बुखारी द्वारा कई न्यूज पोर्टल की शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की।
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia