जबरन वसूली मामले में परमबीर सिंह की मुश्किलें बढ़ीं, मुंबई पुलिस ने वसूली केस में दाखिल की चार्जशीट
होटल व्यवसायी विमल अग्रवाल द्वारा जबरन वसूली के आरोपों में पुलिस ने यह कार्रवाई की है। चार्जशीट में सबूतों और गवाहों के बयान दर्ज हैं। इसमें बर्खास्त पुलिसकर्मी सचिन वाजे, जो वर्तमान में पुलिस हिरासत में हैं और दो अन्य लोगों के नाम भी शामिल हैं।
मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह की मुश्किलें बढ़ गई हैं। मुंबई पुलिस ने शनिवार को एक व्यापारी से जबरन वसूली के मामले में निलंबित परमबीर सिंह और तीन अन्य के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी। मुंबई और ठाणे में परमबीर सिंह के खिलाफ दर्ज पांच प्राथमिकी में यह पहली चार्जशीट दाखिल की गई है।
एक होटल व्यवसायी विमल अग्रवाल द्वारा लगाए गए जबरन वसूली के आरोपों के बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की है। चार्जशीट में सबूतों और गवाहों के बयान दर्ज हैं। इसमें बर्खास्त पुलिसकर्मी सचिन वाजे, जो वर्तमान में पुलिस हिरासत में हैं और दो अन्य लोगों के नाम शामिल हैं, जो जबरन वसूली के मामले में आरोपी हैं। नामजद दो अन्य आरोपियों में अल्पेश पटेल और सुमित सिंह शामिल हैं, जो फिलहाल जमानत पर बाहर हैं, जबकि पुलिस ने अभी तक दो और आरोपियों विनय सिंह और रियाज भाटी के खिलाफ आरोप दायर नहीं किया है।
परमबीर सिंह 10 दिन पहले ही मुंबई में फिर से सामने आए थे। इससे पहले पिछले लगभग छह महीने तक उनके ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। परमबीर सिंह को महाराष्ट्र स्टेट होम गार्डस कमांडेंट जनरल की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी, मगर वह लंबे समय तक 'गायब' रहे। उन्होंने हाल ही में सामने आकर जबरन वसूली के मामले के संबंध में अपना बयान दर्ज कराया था, जिसे गोरेगांव पुलिस ने 25 अगस्त को दर्ज किया था और बाद में इसे क्राइम ब्रांच को स्थानांतरित कर दिया गया था।
विमल अग्रवाल की शिकायत के अनुसार, परमबीर सिंह, सचिन वाजे और अन्य ने कथित तौर पर उनके खिलाफ फर्जी मामले दर्ज करने की धमकी दी और जनवरी 2020 और मार्च 2021 के बीच लगभग 12 लाख रुपये की उगाही की। अब क्राइम ब्रांच इस मामले की जांच कर रही है।
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