भारत पर बड़े हमले की तैयारी में पाकिस्तान का ‘पोस्टर ब्वॉय’, आईबी ने दिल्ली को किया अलर्ट
घाटी से बाहर बड़े आतंकवादी हमले करने के लिए आईएसआई फिदायीन संगठनों को प्रशिक्षित कर रहा है, जिनमें प्रमुख रूप से एयूएम है। रिपोर्ट में कहा गया कि धारा 370 हटाए जाने के बाद आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने के लिए पाक ने आतंकवादी संगठनों को खुली छूट दी हुई है।
जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म करने के केंद्र सरकार के आदेश के बाद देश की आंतरिक खुफिया एजेंसी इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) ने दिल्ली पुलिस को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में बड़े आतंकवादी हमले का अलर्ट जारी किया है।
आईबी की टॉप सीक्रेट रिपोर्ट में कहा गया है, “अंतर्राष्ट्रीय प्लेटफॉर्म्स पर जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की पोल खुलने के बाद पाकिस्तान की आईएसआई (इंटर-सर्विसेसज इंटेलीजेंस) का नया 'पोस्टर बॉय' अल-उमर-मुजाहिद्दीन (एयूएम) है और यह घाटी से बाहर बड़े आतंकवादी हमले करने में सक्षम है।”
पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन एयूएम का अगुआ कश्मीर का खूंखार आतंकवादी मुश्ताक अहमद जरगर उर्फ मुश्ताक लातराम है, जिसके मोड्यूल ने इसी साल 12 जून को श्रीनगर के निकट अनंतनाग में आतंकवादी हमला किया था, जिसमें सीआरपीएफ के पांच जवान शहीद हो गए थे।
आईबी की रिपोर्ट में कहा गया, “जरगर ने जम्मू एवं कश्मीर तथा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के लड़कों को भर्ती किया है। अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के बाद आईएसआई का उद्देश्य जरगर के लड़कों से जम्मू-कश्मीर के अंदर तक भारत के अन्य भागों में आतंकवादी हमले कराना है।”
दिल्ली पुलिस के शीर्ष अधिकारियों को सुरक्षा संबंधी जानकारी देते हुए आईबी ने उन्हें आईएसआई की योजना से निपटने के लिए एनसीआर में कठोर आतंकवाद-रोधी कदम उठाने (संबद्ध राज्य की पुलिस के सहयोग से) की सलाह दी। पुलिस द्वारा उठाए गए कदमों में साइबर कैफेज के साथ-साथ पुरानी कारों के विक्रेताओं, सिम कार्ड विक्रेताओं, रसायन की दुकानों पर कड़ी नजर रखने के अलावा अन्य गोपनीय कदम उठाए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान में एयूएम का मुख्यालय मुजफ्फराबाद (पीओके) में है, जहां यह संगठन आईएसआई अधिकारियों की निगरानी में एक आतंकवादी शिविर संचालित करता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान में पाकिस्तान की सरकार, उसकी सेना और आईएसआई (सभी तीन) मिलकर काम कर रहे हैं और कश्मीर मुद्दे का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने के लिए उतावले हैं। रिपोर्ट में इस्लामाबाद के गुप्त लक्ष्य के बारे में कहा गया है, “केवल भड़काऊ (आतंकवाद) कार्रवाई करनी है, इरादा अंतर्राष्ट्रीयकरण का है।”
इस खतरनाक योजना के लिए घाटी से बाहर बड़े आतंकवादी हमले करने के लिए आईएसआई फिदायीन संगठनों को प्रशिक्षित कर रहा है, जिनमें प्रमुख रूप से एयूएम है। रिपोर्ट में कहा गया कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद कश्मीर पर पाकिस्तानी सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा के खुले रुख ने स्पष्ट रूप से आईएसआई को बड़ी आतंकवादी घटनाएं अंजाम देने के लिए आतंकवादी संगठनों को जिम्मेदारी देने की खुली छूट दे दी है।
रिपोर्ट्स में खुलासा हुआ है कि आईएसआई फिदायीन के माध्यम से आतंकवादी हमले की योजना बना सकता है, इसमें या तो कोई मानव बम हो सकता है या भारी विस्फोटकों से भरा कोई वाहन (वीबी-आईईडी) हो सकता है। दुनियाभर का ध्यान इधर खींचने के उद्देश्य से बड़ा आतंकवादी हमला करने के लिए आतंकवादी आईईडीज लगाने के साथ-साथ उच्च-सुरक्षा बाले क्षेत्रों, घाटी के बाहर भारत के प्रमुख शहरों में अंधाधुन गोलीबारी की घटना को अंजाम दे सकते हैं।
दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने कहा कि शीर्ष पुलिस अधिकारी सुरक्षा पर निगरानी रख रहे हैं और ऐसे हमलों के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त सतर्कता बरते हुए हैं।
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