लॉकडाउन को सही कदम बताते हुए पूर्व वित्तमंत्री चिदंबरम ने PM से पूछा- आखिर वित्तीय पैकेज की घोषणा में देरी क्यों?
पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने 21 दिन के लॉकडाउन का समर्थन तो किया है लेकिन साथ ही प्रधानमंत्री मोदी से कई सवाल पूछे हैं। उन्होंने कहा है कि आखिर गरीबों के लिए वित्तीय पैकेज के ऐलान में देरी क्यों हो रही है?
कोरोनावायरस से लड़ाई और मुकाबले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश भर में आज आधी रात से 21 दिनों के लिए लॉकडाउन का ऐलान कर दिया है। पीएम मोदी के इस फैसले पर पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने सधी हुई प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि पीएम के भाषण से उन्हें राहत भी मिली, लेकिन निराशा भी हुई है। चिदंबरम ने 21 दिन के देश व्यापी लॉकडाउन का समर्थन करते हुए कहा कि जो इसका मजाक उड़ा रहे हैं, वो 21 दिनों तक चुप रहकर देश का भला कर सकते हैं।
लेकिन सात ही पूर्व वित्त मंत्री इस ऐलान पर कई सवाल भी उठाए। उन्होंने पूछा है कि आखिर गरीबों के लिए जरूरत का सामान कैसे आएगा और किसी भी वित्तीय पैकेज को अंति रूप देने में और उसकी घोषणा करने में इतना वक्त क्यों लग रहा है?
उन्होंने कहा कि, “अगले 21 दिनों के लिए गरीबों को नकद पैसा कौन देगा? वित्तीय पैकेज अंतिम रूप देने के लिए 4 या उससे ज्यादा दिन क्यों लगने चाहिए? हमारे पास इतने प्रतिभावान लोग हैं कि इसे 4 दिनों में फाइनल कर दिया जाए। मुझे यकीन है कि प्रधानमंत्री गरीबों, दिहाड़ी मजदूरों, कृषि और खुद काम करने वाले लोगों की मदद के लिए वित्तीय पैकेज की जल्द घोषणा की जरूरत को समझते हैं।”
उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि पैकेज की घोषणा के बाद दूसरी समस्याओं पर ध्यान दिया जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने कोरोना के इलाज और इसकी टेस्टिंग के लिए 15,000 करोड़ के पैकेज का ऐलान किया है। इस बारे में चिदंबरम ने कहा, "पीएम के 15,000 करोड़ रुपये के ऐलान का मतलब क्या है? मैं फिर कहना चाहूंगा, आर्थिक नतीजों को मैनेज करने के लिए सरकार को अगले 4-6 महीनों में 5 लाख करोड़ रुपये की जरूरत है।“
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