आयुध कारखाने के कर्मचारी अब नहीं कर पाएंगे हड़ताल, सरकार ने संसद से पास करा लिया यह बिल

लोकसभा से बिना किसी चर्चा के ध्वनि मत से पारित कराए गए आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक को विपक्ष ने कठोर बताया और कहा कि यह कर्मचारियों को उनके लोकतांत्रिक अधिकारों के साथ विरोध करने के अधिकार से वंचित करेगा।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

विपक्ष के हंगामे और विरोध के बीच सरकार ने संसद के मानसून सत्र में मंगलवार को लोकसभा से दो अहम विधेयक- न्यायाधिकरण सुधार विधेयक 2021 और आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक 2021 पारित करा लिए। आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक का उद्देश्य सरकारी आयुध कारखानों के कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने से रोकना है। देश भर में 41 आयुध कारखानों में लगभग 70,000 कर्मचारी काम करते हैं। इसके बाद दोनों सदनों को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया।

लोकसभा से बिना किसी चर्चा के ध्वनि मत से पारित कराए गए आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक को विपक्ष ने कठोर बताया और कहा कि यह कर्मचारियों को उनके लोकतांत्रिक अधिकारों के साथ विरोध करने के अधिकार से वंचित करेगा। हालांकि, सदन में मौजूद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार ने इसे पारित करने से पहले सभी कर्मचारी संघों को विश्वास में लिया है।


लोकसभा में गुरुवार को पेश किए गए इस विधेयक में उल्लेख किया गया है कि इस विधेयक का उद्देश्य आवश्यक रक्षा सेवाओं के रखरखाव को बनाए रखना है ताकि राष्ट्र की सुरक्षा और बड़े पैमाने पर जनता के जीवन और संपत्ति को सुरक्षित किया जा सके। लेकिन विपक्ष इस विधेयक को कर्मचारियों के ह़ड़ताल करने के अधिकार का हनन बता रहा है।

बता दें कि देश में भारतीय आयुध कारखाने सबसे पुराने और सबसे बड़े रक्षा उत्पादन इकाई हैं, जो रक्षा मंत्रालय के रक्षा उत्पादन विभाग के अधीन आता है। आयुध कारखाने रक्षा सामग्री और उपकरणों का स्वदेशी उत्पादन करते हैं, जिसका प्राथमिक उद्देश्य देश के सशस्त्र बलों को अत्याधुनिक उपकरणों से लैस करना है।

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