कृषि विधेयकों पर विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति से की मुलाकात, बिल को वापस करने का किया अनुरोध
राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति को बताया कि गलत तरीके से कृषि विधेयकों को पास करवाया गया है। बिल पास कराते समय न तो डिविजन ऑफ वोट हुआ, न ध्वनिमत का सम्मान हुआ। लोकतंत्र के मंदिर में संविधान का अपमान किया गया।
कृषि विधेयकों पर सरकार और विपक्ष में जारी गतिरोध के बीच बुधवार शाम को राज्यसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद गुलाम नबी आजाद ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। मुलाकात में उन्होंने राष्ट्रपति कोविंद से कृषि बिलों को वापस करने की मांग की। उन्होंने राष्ट्रपति को बताया कि इन विधेयकों को गलत तरीके से सदन से पास कराया गया है।
राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि उन्होंने महामहिम को बताया कि राज्यसभा में हंगामे के लिए विपक्ष जिम्मेदार नहीं है। इसके लिए सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार है। उन्होंने राष्ट्रपति से कहा कि सदन में बिल पर न तो डिविजन ऑफ वोट हुआ, न ध्वनिमत का सम्मान हुआ। लोकतंत्र के मंदिर में ही संविधान का अपमान किया गया। आजाद ने कहा कि हमने राष्ट्रपति से कहा कि कृषि विधेयकों को गलत तरीके से पास करवाया गया है इसलिए वे इन विधेयकों पर हस्ताक्षर न करें।
कांग्रेस नेता ने बताया कि आज करीब 18 राजनीतिक दलों के नेताओं ने एकत्र होकर फैसला लिया था कि राष्ट्रपति को ये बताया जाए कि किस तरह से राज्यसभा में किसानों से जुड़ा बिल पास किया गया। आजाद ने कहा कि सरकार को ये बिल राजनीतिक दलों, किसान नेताओं से बात करके लाने चाहिए थे। सरकार ने न इस बिल को स्टैंडिंग कमेटी को भेजा, न ही सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा। सदन में हंगामे के लिए विपक्ष जिम्मेदार नहीं है, हंगामे के लिए सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार है।
इससे पहले आज दिन में सभी विपक्षी पार्टियों ने संसद परिसर में कृषि बिलों के खिलाफ प्रदर्शन किया। सभी सांसदों ने हाथों में किसान बचाओ के प्लेकार्ड लेकर गांधी प्रतीमा से अंबेडक मूर्ति तक मार्च किया। इस प्रदर्शन में कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद और टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन समेत विपक्ष के कई नेता मौजूद रहे।
इससे पहले मंगलवार को कांग्रेस के नेतृत्व में कई विपक्षी दलों ने एलान किया था कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी, वो संसद की कार्यवाही का बहिष्कार करेंगे। विपक्ष ने कृषि बिलों को संसद की सेलेक्ट कमिटी को भेजने और राज्यसभा से निलंबित सांसदों का निलंबन वापस लेने की मांग की है। हालांकि विपक्ष की गैर मौजूदगी में सरकार ने मंगलवार और बुधवार को एक के बाद एक धड़ाधड़ कई बिल पास करा लिए। और फिर सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
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Published: 23 Sep 2020, 10:39 PM