बिहार में फिर टूटा आकाशीय बिजली का कहर, एक दिन में 26 लोगों की मौत, अब तक कोरोना से भी ज्यादा जान गई
इतनी मौतें तो बिहार में अब तक कोरोना महामारी से भी नहीं हुई हैं। बिहार में अब तक 10 हजार से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं, जिनमें से 78 की मौत हुई है। साफ है कि किसी महामारी से ज्यादा बिहार के लोगों के लिए गरीबी और निम्न जीवन स्तर बड़ा खतरा है।
बिहार में अब तक जितने लोगों की मौत कोरोना महामारी से नहीं हुई है, उससे ज्यादा मौतें पिछले एक सप्ताह में आसमानी बिजली यानी वज्रपात से हो गई है। बिहार में पिछले एक सप्ताह के दौरान 125 से ज्यादा लोगों की मौत आकाशीय बिजली की चपेट में आने से हुई है। गुरुवार को एकबार फिर बिहार में वज्रपात का कहर टूटा और 26 लोगों की मौत हो गई।
बिहार के आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि जिलों से फोन पर मिली सूचना के मुताबिक, राज्य में गुरुवार को आसमान से बिजली गिरने से 26 लोगों की मौत हो गई। इनमें पटना में 6, पूर्वी चंपारण में 4, समस्तीपुर में 7, कटिहार में 3, शिवहर और मधेपुरा में 2-2 तथा पूर्णिया और पश्चिमी चंपारण जिले में एक-एक लोगों की मौत वज्रपात यानी ठनका की चपेट में आने से हो गई।
इस बीच मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे में बिहार में भारी बारिश और वज्रपात के लिए अलर्ट जारी किया है। इससे पहले, मंगलवार को बिहार के विभिन्न जिलों में वज्रपात से 11 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 26 जून को राज्य में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 96 लोगों की मौत हुई थी।
दूसरी तरफ इतनी मौतें तो बिहार में अब तक कोरोना महामारी से भी नहीं हुई हैं। जहां तक कोरोना के कहर का सवाल है, तो बिहार में अब तक 10 हजार से ज्यादा लोग वायरस से संक्रमित पाए गए हैं, जिनमें से 78 लोगों की मौत हुई है। इससे साफ है कि कोरोना जैसी किसी महामारी से ज्यादा बिहार के लोगों के लिए गरीबी और निम्न जीवन स्तर बड़ा खतरा है। क्योंकि आकाशीय बिजली का शिकार ज्यादातर गरीब और खुले में रहने वाले लोग होते हैं।
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