बंगाल वापस जाते-जाते ममता ने दिया संदेश-लोकतंत्र बचाने के लिए सबको मिलकर लड़ना होगा

पश्चिम बंगाल में लगातार तीसरी चुनावी जीत के बाद से ममता 2024 में होने वाले आम चुनावों से पहले बीजेपी के खिलाफ विपक्षी एकता की जोरदार वकालत कर रही हैं। उनका कहना है कि बीजेपी को हराने के लिए सभी को साथ आना होगा। सभी को मिलकर काम करना होगा।

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपना दिल्ली दौरा पूरा कर आज कोलकाता वापस लौट गईं। हालांकि, अपनी यात्रा के अंत में शुक्रवार को उन्होंने विपक्षी दलों को बड़ा संदेश देते हुए कहा कि देश में लोकतंत्र को बचाने के लिए सभी को मिलकर काम करना चाहिए। इसके साथ ही ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि वह हर दो महीने के अंतराल पर दिल्ली का दौरा करेंगी।

कोलकाता के लिए रवाना होने से पहले ममता बनर्जी ने कहा, "यात्रा सफल रही। मेरा मानना है कि लोकतंत्र जारी रहना चाहिए और इसे बचाने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। जब लोकतंत्र खतरे में है, तो देश खतरे में है। देश को बचाने के लिए लोकतंत्र बचाओ ही हमारा नारा है। ममता ने किसानों, मजदूरों, बेरोजगार युवाओं और अन्य लोगों के लिए काम करने की भी बात की।

मार्च-अप्रैल में हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस की प्रचंड जीत के बाद ममता बनर्जी सोमवार शाम दिल्ली पहुंची थीं। तीसरी बार बंगाल की सीएम के रूप में शपथ लेने के बाद राजधानी की अपनी पहली यात्रा के दौरान ममता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जैसे विपक्षी नेताओं से मुलाकात की। हालांकि, उनकी एनसीपी प्रमुख शरद पवार के साथ अपेक्षित बैठक नहीं हो पाई, लेकिन ममता ने कहा कि उन्होंने शरद पवार से बात की है।


मंगलवार को प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद ममता ने कहा कि यह शिष्टाचार मुलाकात थी। मैंने प्रधानमंत्री को पश्चिम बंगाल में और वैक्सीन और दवाओं की जरूरत के बारे में बताया है। गुरुवार को उन्होंने केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की और पश्चिम बंगाल से जुड़ी कई सड़क और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर चर्चा की।

राजनीतिक मोर्चे पर उन्होंने बुधवार को सोनिया गांधी, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की। उन्होंने कांग्रेस नेताओं कमलनाथ, आनंद शर्मा और डीएमके नेता कनिमोझी से भी मुलाकात की। इनके अलावा भी उनकी कई अन्य नेताओं से मुलाकात क चर्चा रही। साथ ही उनके किसान आंदोलन स्थल जाकर किसान नेताओं से मुलाकात की भी चर्चा थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।


गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में अपनी लगातार तीसरी चुनावी जीत के बाद से ममता 2024 में होने वाले आम चुनावों से पहले बीजेपी के खिलाफ विपक्षी एकता की जोरदार वकालत कर रही हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी को हराने के लिए सभी को साथ आना होगा। अकेले, हम (तृणमूल) कुछ भी नहीं हैं और सभी को मिलकर काम करना होगा। 2024 में मोदी के खिलाफ विपक्ष के चेहरे पर उन्होंने कहा कि सभी विपक्षी दल एक साथ बैठेंगे और तय करेंगे कि मोदी के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व कौन करेगा।

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