दलित के घर में बैठकर होटल से मंगाकर खाया यूपी के मंत्री ने खाना, बर्तन और पानी तक आया था बाहर से
योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री सुरेश राणा अलीगढ़ में दलित के घर भोजन करने गये थे, मगर वहां दलित के घर का खाना खाने के बजाय बाहर से यानी होटल से खाना मंगाकर खाया।
दलितों के घर भोजन करने का ड्रामा अब चरम पर पहुंचने लगा है। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में तो हद तब हो गई जब सरकार के मंत्री बिना बताए ही अचानक एक दलित के घर रात 11 बजे पहुंच गए और आनन-फानन जिला प्रशासन ने उनके लिए होटल से खाना, कटलरी (बर्तन आदि) और यहां तक कि पीने के लिए मिनिरल वाटर तक का इंतजाम किया।
जिस दलति के घर यह सब हुआ वह भौंचक बना हुआ यह सारी कवायद देख रहा था। मंत्री जी ने अपने साथियों के साथ उसके घर में बैठकर होटल से आया खाना खाया और खाने के बाद विश्राम भी किया। लेकिन इस विश्राम के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई थी। उनके लिए नया गद्दा मंगाया गया था।
दरअसल भारतीय जनता पार्टी का दलित प्रेम पिछले कुछ दिनों अचानक कुलांचे मार रहा है। पार्टी अध्यक्ष चुनावी राज्य कर्नाटक में दलितों के घर भोजन के फोटोऑप करा रहे हैं, तो यूपी में हाल के लोकसभा चुनावों में एसपी-बीएसपी के हाथों करारी हार के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर सरकार के सारे मंत्री दलितों के घर भोजन का सिलसिला बनाए हुए हैं।
ताजा मामला है उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास राज्यमंत्री सुरेश राणा का है। मंगलवार रात वे अचानक अलीगढ़ के लोहागढ़ इलाके में रहने वाले दलित रजनीश कुमार के घर पहुंऊो। रजनीश कुमार अचंभित होकर उन्हें देखता ही रह गया कि आनन फानन उनके लिए खाना आदि का इंतजाम होने लगा। मंत्री जी ने दलित के घर पर बैठकर भोजन जरूर किया लेकिन, सारा खाना बाहर से यानी होटल से खाना मंगाया गया। यहां तक कि मंत्री जी ने घर का पानी तक पीना मुनासिब नहीं समझा।उनके लिए मिनरल वाटर की व्यवस्था की गई। भोजन में मंत्री जी के लिए दाल-मखनी, छोले-चावल, पालक-पनीर, उड़द की दाल, मिक्स वेज, रायता, तंदूरी रोटी मंगाई गई थी। साथ ही मिठाई में गुलाब-जामुन का भी मंत्री जी ने लुत्फ उठाया।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ये सारे इंतजाम मंत्री जी के कहने पर ही प्रशासन की ओर से किये गये थे। भोजन के बाद मंत्री सुरेश राणा के विश्राम के लिए डबल बेड का गद्दा और गर्मी नहीं लगे इसके लिए चारों ओर से कूलर की व्यवस्था की गई थी।
घर के मालिक रजनीश ने कहा, “उसने कभी नहीं सोचा था कि उसके घर कभी मंत्री रात के 11 बजे अचानक आ सकते हैं। रजनीश ने कहा कि यह भी मुझे नहीं पता था कि मंत्री जी रात के खाने पर मेरे घर आ रहे हैं। वह अचानक आ गये। उनके खाने-पीने का सारा इंतजाम बाहर से किया गया था।”
गौरतलब है कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी एक दलित के घर भोजन किया था और तस्वीरें और वीडियो में स्पष्ट नजर आ रहा था कि उनके लिए भोजन सरकार में मंत्री स्वाति सिंह ने बनाया था। इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री और बीजेपी नेता भी दलितों के घर भोजन कर रहे हैं। उनकी दिलचस्पी भोजन करने से ज्यादा इसकी खबरें मीडिया में आने को लेकर है।
लेकिन केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने इस दिखावे के बजाय सीधे-सीधे दलितों का अपमान ही कर दिया। मध्यप्रदेश के छतरपुर के नौगांव के ददरी गांव में सामाजिक समरसता भोज कार्यक्रम में पहुंची उमा भारती ने दलितों के साथ खाना खाने से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वे राम नहीं हैं कि उनके दलित के घर भोजन करने से वे पवित्र हो जाएंगे। विवाद बढ़ने लगा तो उन्होंने सफाई दी कि वह दलित के घर खाना खाने के जगह अपने घर पर दलितों को बुलाकर उन्हें भोजन करवाएंगी। इतना ही नही उन्होंने कहा कि उनके परिवार के लोग दलितों के झूठे बर्तन उठाएंगे। उमा भारती का यह बयान उन बीजेपी नेताओं पर कटाक्ष के रुप में भी देखा जा सकता है, जो दलितों के घर जाकर भोजन कर दलित प्रेम दिखाते है।
उन्होंने दलित प्रेम को लेकर अलग परिभाषा गढ़ते हुए कहा, “मैं भगवान राम नहीं हूं कि दलित लोग उनके साथ भोजन करेंगे वे पवित्र हो जाएंगे, बल्कि वे जब हमारे घर में आकर हमारे रसोई में बैठकर भोजन करेंगे तब हम पवित्र हो पाएंगे। मैं कभी सामाजिक समरसता भोजन में भाग नहीं लेती, क्योंकि मैं अपने आप को भगवान राम नहीं मानती कि शबरी के घर जाकर भोजन किया तो दलित पवित्र हो जाएंगे।”
दो दिन पहले यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य दो दिवसीय काशी दौरे पर थे। उन्होंने भी दलित प्रेम के रिवाज को जिंदा रखने के लिए दलितों के घर खाना खाया था। वे अपने पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के साथ अचानक दलित कार्यकर्ता संजय कुमार के घर पहुंच गए। उन्होंने अपने नेताओं के साथ खाना खाया।
इसके अलावा इलाहाबाद के पियरी गांव में भी केशव प्रसाद मौर्य दलितों के साथ चौपाल लगा चुके हैं और उनके घर पर खाना भी खाया।
यूपी के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने भी दलितों के घर खाना खाकर आपसी सौहार्द की भावना को बल देने की कोशिश की थी। 23 अप्रैल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दलित दयाराम सरोज के घर खाना खाया था। इससे पहले डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, और केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी भी दलितों के घर भोजन करके सुर्खियों में आई थीं।
वहीं कर्नाटक में चुनावी सभाएं कर रहे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी दलितों के घर भोजन करते नजर आ चुके हैं।
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