शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा के मार्शल्स की वर्दी बदली, सैन्य और सिविल वर्दी में दिखे
संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में कार्यरत मार्शलों के यूनिफार्म का रंग बदल दिया गया है। पहले मार्शलों के यूनिफार्म का रंग मटमैला था। अब इनका रंग गहरा नीला कर दिया गया है।
संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा के सदस्य सभापति के पीछे खड़े मार्शल्स को देख कर हैरान हो गए। दरअसल मार्शल्स के पुराने भारतीय पोशाक के साथ पगड़ी वाली वर्दी में बदल दी गई है। बदलाव के बाद उनकी वर्दी सैन्य और सिविल वर्दी जैसी लग रही है। उनकी नई वर्दी का रंग ऑलिव ग्रीन है।
बता दें कि राज्यसभा का यह 250वां सत्र है। इस सदन में 245 सदस्य हैं, वहीं इसका गठन 1952 में किया गया था। 1952 से अब तक राज्यसभा के हो चुके 249 सत्रों में कुल 3817 विधेयक पास हुए हैं। वहीं अब तक इस उच्च सदन में 2282 सांसद बने। 26 नवंबर को संविधान को 70 साल पूरे हो जाएंगे। इस अवसर पर संयुक्त सत्र बुलाया गया है।
वहीं इस ऐतिहासिक सत्र की शुरुआत में राज्यसभा में अरुण जेटली और राम जेठमलानी की कमी सत्ता पक्ष को ही नहीं, बल्कि विपक्ष को भी खल रही है, ऐसा देखने को मिला है। सदन में इस ऐतिहासिक सत्र को लेकर एक तरफ सदस्यों के चेहरे पर उत्साह दिखा तो दो सीटिंग और तीन पूर्व राज्यसभा सदस्यों को श्रद्धांजलि देने के साथ गम भी झलक रहा था।
बता दें कि राज्यसभा सदस्य रहते अरुण जेटली का 67 वर्ष की उम्र में बीते 24 अगस्त को निधन हो गया, जबकि राम जेठमलानी(95) का निधन आठ सितंबर को हो गया था।
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने राज्यसभा में अरुण जेटली को याद करते हुए यहां तक कह दिया कि उनका जाना एक पार्टी नहीं, बल्कि देश की क्षति है। उन्होंने कहा, “अरुण जेटली एक अच्छे छात्रनेता, अच्छे वक्ता और नेता थे। राजनीतिक कटुता को वह मधुरता में बदलना जानते थे।” अन्य विपक्षी सांसदों ने भी अरुण जेटली के साथ अपने संस्मरण साझा किए। मशहूर वकील और राज्यसभा सदस्य राम जेठमलानी को भी लोगों ने याद किया।
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