झारखंड में भी लागू होगी पुरानी पेंशन योजना, हेमंत सरकार ने राज्य के बजट में किया ऐलान
राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जहां अपनी सरकार के बजट को राज्य के बहुमुखी विकास को बढ़ावा देने वाला बताया, वहीं राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी के विधायकों ने बजट को घिसी-पिटी घोषणाओं का पुलिंदा बताते हुए बजट भाषण का बहिष्कार कर दिया।
झारखंड सरकार ने आज विधानसभा में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए एक लाख 16 हजार 418 करोड़ रुपए का बजट पेश किया। वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने लगातार चौथी बार बजट पेश करते हुए कहा कि हमारी सरकार ने ग्रामीण विकास, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य की योजनाओं पर विशेष फोकस रखा है। बजट में राज्य के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल करने का एलान किया गया है।
महत्वपूर्ण बजट घोषणाओं में मोटे अनाजों की खेती और प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए मिलेट मिशन योजना शुरू करने, दुमका और बोकारो में इसी वर्ष हवाई अड्डे चालू करने, राज्य के स्कूलों में प्रारंभिक कक्षाओं में पहली बार उड़िया और बांग्ला की पढ़ाई शुरू करने, जमशेदपुर और रांची में मिल्क पाउडर प्लांट स्थापित करने, सभी राजकीय विश्वविद्यालयों में राजकीय विश्वविद्यालय में इनोवेशन कम स्टार्टअप सेंटर बनाने जैसे एलान शामिल हैं।
वित्त मंत्री ने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस साल 15,317 करोड़ रुपए अधिक का बजट है। पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में राज्य के बजट का कुल आकार 1 लाख 1 हजार 101 करोड़ रुपए का था। वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य ने अपने राजस्व आय में उत्तरोत्तर वृद्धि हासिल की है। वर्ष 2019-20 में कुल राजस्व आय 25 हजार 521 करोड़ 43 लाख रुपये थी, जो वर्ष 2021-22 में 31 हजार 320 करोड़ 36 लाख रुपये हो गई और वर्ष 2022-23 में 22.28 प्रतिशत वृद्धि के साथ 38 हजार 612 करोड़ 84 लाख रुपये रहने का अनुमान है।
बजट में स्कूली शिक्षा और साक्षरता पर भी जोर देते हुए हुए इसके लिए 12546 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। राज्य की सभी पंचायतों को जीरो ड्रॉप आउट पंचायत बनाने का लक्ष्य तय किया है। सभी सरकारी स्कूलों में बालिकाओं और बालकों के लिए अलग-अलग शौचालय बनाए जाएंगे। साथ ही कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को पहली बार बांग्ला और उड़िया भाषा में शिक्षा दी जाएगी। अब तक मुंडारी, कुड़ुख, हो, खड़िया एवं संताली जैसी क्षेत्रीय भाषाओं में प्रारंभिक शिक्षा दी जाती थी।
वित्त मंत्री ने कहा कि नेतरहाट विद्यालय की तर्ज पर चाईबासा, दुमका और बोकारो में आवासीय विद्यालय बनाए जाएंगे। उच्च शिक्षा के लिए छात्रों को मदद देने के लिए गुरूजी क्रेडिट कार्ड, मुख्यमंत्री शिक्षा प्रोत्साहन योजना और एकलव्य प्रशिक्षण योजना (नि:शुल्क कोचिंग के लिए) में 37000 बच्चों को लाभ देने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य के अलावा बरही, बुंडू, पतरातू, चाईबासा, जमशेदपुर, खूंटी में नए राजकीय पॉलिटेकनिक कॉलेज खोले जाने का प्रस्ताव रखा गया है। गोड्डा, जामताड़ा, लोहरदगा, चतरा, हजारीबाग, खूंटी, बगोदर, पलामू में बने पॉलिटेकनिक कॉलेज का संचालन अगले शैक्षणिक सत्र से शुरू कर दिया जाएगा।
आंगनबाड़ी अभियान योजना के तहत बच्चों को पोशाक और टेस्ट बुक दिया जाएगा। राज्य में इस वित्तीय वर्ष के लिए 500 नए आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए 100 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया जा रहा है। आंगनबाड़ी सेविकाओं के मानदेय में 1700 की बढ़ोतरी की गई है। उन्हें पहले प्रतिमाह 3100 रुपये दिए जाते थे। अब 4800 रुपए प्रतिमाह मिलेंगे। सरकार सभी आंगनबाडी सेविकाओं को स्मार्टफोन भी देगी।
राज्य में नई खाद्य संस्करण प्रोत्साहन नीति बनाने की योजना है। राज्य में काफी संख्या में ऐसे गांव हैं जो जंगल के बीचो-बीच में बसे हैं। राज्य सरकार की ओर से ऐसे गांवों के लिए 400 किलोमीटर सड़क का प्रस्ताव किया गया है। सूखा राहत के लिए प्रत्येक किसान परिवार को 3500 रुपए का लाभ मिलेगा। फर्टिलाइजर का उपयोग कम करने और जैविक कृषि की दिशा में सरकार इस वर्ष फसल सुरक्षा योजना लागू करेगी। 1 लाख किसानों की जमीन पर सिंचाई कूप का निर्माण कराया जाएगा।
राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बजट को राज्य के बहुमुखी विकास को बढ़ावा देने वाला बताया है, जबकि राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी के विधायकों ने बजट को घिसी-पिटी घोषणाओं का पुलिंदा बताते हुए बजट भाषण का बहिष्कार कर दिया।
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