दुनिया के कई भारतीय दूतावासों में संघ की सेंधमारी, अफसर खुलेआम दे रहे हैं आरएसएस के कार्यक्रमों में भाषण

एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि 2013 के बाद से 9 देशों के 15 भारतीय राजनयिकों ने संघ परिवार के कार्यक्रमों में वक्तव्य दिए हैं। उनमें से ज्यादातर पिछले दो सालों में हुए हैं। दो मौकों पर एक राजनयिक आरएसएस के बड़े नेता के साथ कार्यक्रम में थे।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

पिछले दिनों यह खबर आई थी कि टोरंटो में भारत के महावाणिज्य दूत ने हिंदू राष्ट्रवादी कार्यक्रम में मुख्य भाषण दिया है। इसके बाद से ऐसे तथ्य सामने आए हैं जो साबित करते हैं कि पिछले कुछ सालों में 9 देशों के कम से कम 12 भारतीय राजनयिक ऐसे कार्यक्रमों में शामिल होते रहे हैं।

सिख24.कॉम पर प्रकाशित भारत में अल्पसंख्यकों के संगठन (ओएफएमआई) की हालिया जांच में यह सामने आया है कि विभिन्न देशों में कई वाणिज्य दूतों ने अपनी पेशेवर क्षमता में इसी तरह के हिंदू राष्ट्रवादी कार्यक्रमों हिस्सा लिया है। भारत के महावाणिज्य दूत दिनेश भाटिया ने एक ऐसे मंच पर जाकर विवाद को जन्म दे दिया जहां केबी हेडगेवार और एमएस गोलवलकर की माला पहनी हुई तस्वीरें रखी थीं। दोनों आरएसएस के शुरुआती नेता थे। हेडगेवार और गोलवलकर भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते थे। हिंदू राष्ट्रवाद का प्रचार करने के लिए उन्होंने आरएसएस को एक अर्धसैनिक दस्ते में तब्दील कर दिया था।

ओएफएमआई के प्रवक्ता अरविन वालमुसी ने अपनी रिपोर्ट में बताया, “उत्तरी अमेरिका से लेकर यूरोप और एशिया से लेकर दक्षिणी अमेरिका तक, भारतीय राजदूतों और वाणिज्य दूतों ने माननीय अतिथियों, बीज वक्ताओं और सह आयोजकों के तौर पर आएसएस की अंतर्राष्ट्रीय संगठन हिंदू स्वयंसेवक संघ और धार्मिक संगठन विश्व हिंदू परिषद् के कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। और कभी-कभार वे बीजेपी की अंतर्राष्ट्रीय ईकाई के कार्यक्रमों में भी दिखे।” उन्होंने आगे बताया, “हमने जो तथ्य इकट्ठा किए हैं उसके अनुसार 2013 के बाद से 9 देशों के 15 भारतीय राजनयिकों ने संघ परिवार के कार्यक्रमों में वक्तव्य दिए हैं। उनमें से ज्यादातर पिछले दो सालों में हुए हैं। कम से कम दो मौकों पर एक राजनयिक आरएसएस के बड़े नेता के साथ कार्यक्रम में थे। दो दूसरे मौकों पर एक राजनयिक बीएचपी के बड़े नेता के साथ दिखे। हमने सारे आंकड़े नहीं जुटाए हैं और हमें यकीन है कि भारतीय राजनयिक आरएसएस के साथ बड़े पैमाने पर मिलकर काम कर रहे हैं। यह उससे ज्यादा है जितना हमने अब तक उजागर किया है।”

भारतीय वाणिज्य दूतों के ऐसे कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के विवरण:

4 नवंबर, 2018 को गुयाना में भारत के उच्चायुक्त वेंकटचलम महालिंगम ने जार्जटाउन में आयोजित हिंदू स्वयंसेवक संघ (एचएसएस) के कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उन्होंने संगठन के संघचालक (अध्यक्ष) रवि देव के साथ मंच साझा किया।

27 अक्टूबर, 2018 को अटलांटा में भारतीय वाणिज्य दूतावास में महावाणिज्य दूत स्वाति कुलकर्णी हेडगेवार द्वारा आरएसएस की स्थापना की याद में हुए कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थीं। उन्होंने कार्यक्रम में मुख्य भाषण दे रहे एचएसएस के अंतर्राष्ट्रीय संयोजक सौमित्र गोखले के साथ मंच साझा किया।

29 सितंबर, 2018 को हांगकांग में भारत के महावाणिज्य दूत पुनीत अग्रवाल एक ऐसे कार्यक्रम में माननीय अतिथि थे जिसे संयुक्त रूप से एचएसएस और वीएचपी ने आयोजित किया था।

30 जून 2018 को भारत के ऑकलैंड वाणिज्य दूतावास में अवैतनिक वाणिज्य दूत भाव ढिल्लन उस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थीं जिसे संयुक्त रूप से एचएसएस और बीजेपी के विदेशी मित्रों के संगठन ने आयोजित किया था। उन्होंने एचएसएस के अध्यक्ष प्रवीण पटेल के साथ मंच साझा किया। इस साल बीजेपी के विदेशी मित्रों के संगठन के साथ ढिल्लन का यह तीसरा कार्यक्रम था।

8 जून, 2018 को म्यूनिख में भारत के वाणिज्य दूत एस विवेकानंदन ने एचएसएस द्वारा आयोजित योगा दिवस कार्यक्रम में वक्तव्य दिया।

19 नवंबर, 2017 को न्यूजीलैंड के वाणिज्य दूतावास में ढिल्लन की नियुक्ति के तुरंत बाद उन्होंने संद्रीगम में एचएसएस द्वारा आयोजित एक गोष्ठी में हिस्सा लिया जिसमें आरएसएस के संयुक्त सचिव मनमोहन वैद्य मुख्य भाषण दे रहे थे।

15 अक्टूबर, 2017 को उच्चायुक्त महालिंगम ने उस साल तीसरी बार एचएसएस के कार्यक्रम में वक्तव्य दिया। उन्होंने सौमित्र गोखले के साथ मंच साझा किया।

8 अक्टूबर, 2017 को अटलांटा में भारत के महावाणिज्य दूत नागेश सिंह एचएसएस के कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि थे। उसे कार्यक्रम में हेडगेवार और गोलवलकर की माला पहनी हुई तस्वीरें रखी हुई थीं। महावाणिज्य दूत ने उनकी तस्वीरों पर अपने श्रद्धा-सुमन भी अर्पित किए।

8 अक्टूबर, 2018 को ही टोक्यो के भारतीय दूतावास में राजदूत सुजान चिनॉय आरएसएस विचारक दीनदयाल उपाध्याय की जन्मशती पर आयोजित कार्यक्रम में बीज वक्ता थे।

कम से कम दो और भारतीय राजनयिकों ने एचएसएस द्वारा आयोजित उपाध्याय की जन्मशती से जुड़े कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। 25 सितंबर, 2017 को हांगकांग में वाणिज्य दूत अग्रवाल संयुक्त रूप से एचएसएस, वीएचपी और बीजेपी के विदेशी मित्रों के संगठन द्वारा आयोजित उपाध्याय पर हुए कार्यक्रम में माननीय अतिथि थे। उन्होंने मुख्य भाषण देने वाले स्वामी विज्ञानानंद के साथ मंच साझा किया। विज्ञानानंद बीएचपी के संयुक्त महासचिव हैं और त्रिशूल के वितरण का समर्थन कर विवाद छेड़ दिया था। रिपोर्ट्स बताती हैं कि इस हथियार का इस्तेमाल भारत में मुस्लिम-विरोधी दंगों में होता रहा है।

सितंबर, 2017 में ही उच्चायुक्त महालिंगम ने गुयाना में उपाध्याय पर हुए एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

25 सितंबर, 2017 को महावाणिज्य दूत नागेश सिंह ने अटलांटा वाणिज्य दूतावास में उपाध्याय पर हुए जलसे की मेजबानी की। यह कार्यक्रम एचएसएस द्वारा आयोजित नहीं था। लेकिन महावाणिज्य दूत ने अगले दो सप्ताह में हुए कम से कम दो हिंदू राष्ट्रवादी कार्यक्रमों में हिस्सा लिया।

7 अक्टूबर को खबर पत्रिका ने रिपोर्ट किया, “महावाणिज्य दूत नागेश सिंह और वाणिज्य दूत डीवी सिंह ने वीएचपी और एचएसएस द्वारा आयोजित जार्जिया के एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। नागेश ने वीएचपी के अटलांटा ईकाई के अध्यक्ष कुसुम के साथ वक्तव्य दिया।” अगले दिन 8 अक्टूबर को महावाणिज्य दूत ने एक और कार्यक्रम में हिस्सा लिया जो एचएसएस द्वारा आयोजित था।

25 जून, 2017 उच्चायुक्त महालिंगम ने एचएसएस द्वारा आयोजित एक योगा दिवस कार्यक्रम में वक्तव्य दिया।

23 फरवरी, 2017 को सिडनी में भारत के महावाणिज्य दूत बी वनलालवाबणा हेडगेवार द्वारा आरएसएस की स्थापना की याद में हुए कार्यक्रम में माननीय अतिथि थे जिसे वीएचपी और एचएसएस ने मिलकर आयोजित किया था। उन्होंने एचएसएस के संघचालक निहाल अगर, सौमित्र गोखले और मनमोहन वैद्य के साथ इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। हेडगेवार की तस्वीरें कार्यक्रम स्थल में हर तरफ लगी थीं।

29 जनवरी, 2017 को महावाणिज्य दूत नागेश सिंह और हस्टन में भारत के उप वाणिज्य दूत सुरेंद्र अधाना टेक्सास के सुगरलैंड में एचएसएस द्वारा आयोजित योगा दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए।

9 अक्टूबर, 2016 को टोक्यो में एचएसएस द्वारा आयोजित उपाध्याय पर हुए कार्यक्रम में राजदूत सुजान चिनॉय ने वक्तव्य दिया।

29 मई, 2016 को हस्टन में भारत के महावाणिज्य दूत अनुपम रे ने हिंदू संगठन दिवस के नाम से हुए एचएसएस द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में वक्तव्य दिया जहां उनके साथ एचएसएस संघचालक विनोद अम्बष्ट भी थे।

30 अगस्त, 2015 को न्यूयार्क में भारत के उप वाणिज्य दूत शंभू अमिताभ ने एचएसएस द्वारा आयोजित हिंदू संगठन दिवस कार्यक्रम में भाग लिया। वहां वरिष्ठ बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी और राजीव मल्होत्रा भी थे।

21 जून, 2015 को महावाणिज्य दूत नागेश सिंह ने एचएसएस द्वारा आयोजित योगा दिवस में वक्तव्य दिया जहां उनके साथ एचएसएस संघचालक वेद नंदा और वीएचपी के विवादित नेता स्वामी विज्ञानानंद भी थे। उसी दिन सैन फ्रांसिस्को में भारत के महावाणिज्य दूत वेंकटेशन अशोक ने एचएसएस के साथ मिलकर योगा दिवस का आयोजन किया।

21 जून, 2015 को ही साइप्रस में भारत के उच्चायुक्त रवि बांगर ने एचएसएस के साथ मिलकर योगा दिवस का आयोजन किया।

14 सितंबर, 2013 को सैन फ्रांसिस्को में भारत के महावाणिज्य दूत एन पार्थसारथी ने एचएसएस द्वारा आयोजिक कार्यक्रम “धर्म और योगा उत्सव” में वक्तव्य दिया। वहां उनके साथ सौमित्र गोखले और वेद नंदा भी थे।

7 सितंबर, 2013 को हस्टन में भारत के महावाणिज्य दूत हरीश पार्वथनेनी ने गोखले समेत एचएसएस के स्थानीय और राष्ट्रीय शाखाओं के मुख्य नेताओं के साथ वक्तव्य दिया। उनमें एचएसएस के उपाध्यक्ष रमेश भुताथा, एचएसएस के जनसंपर्क मुखिया अमित मिश्रा और एचएसएस के हस्टन चैप्टर अध्यक्ष सुभाष गुप्ता भी शामिल थे।

अमेरिका में एचएसएस की अलग-अलग शाखाओं द्वारा विजयादशमी उत्सव पर आयोजित कार्यक्रमों का विश्लेषण करने पर यह बात सामने आती है कि एचएसएस और आरएसएस के बहुत नजदीक के संपर्क हैं। हेडगेवार और गोलवलकर की माला पहनी हुई तस्वीरें पूरे देश में हुए ऐसे दर्जनों कार्यक्रमों में लगी हुई थीं। एचएसएस-यूएसए के आधिकारिक फेसबुक पेज पर हुए कई पोस्ट में भी यह देखा जा सकता है। हस्टन, लांस एंजेल्स, नार्थ कैरोलीना, मिशिगन, विसकोंसिन, केंटुकी, फोनिक्स, फिलाडेल्फिया, पिट्सबर्ग, बोस्टन, सैन जोस और वाशिंगटन डीसी और शिकागो के उपनगरीय इलाकों में यह कार्यक्रम हुए।

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