ओडिशा: पुरी के पास तट से टकराया गहरे दबाव का क्षेत्र, तटीय जिलों में भारी बारिश की आशंका

इससे पहले, आईएमडी ने एक बुलेटिन में कहा था कि गहरे दबाव का यह क्षेत्र सोमवार शाम तक अपनी तीव्रता बनाए रखते हुए उत्तर-पश्चिम की तरफ बढ़ना जारी रखेगा और मध्यरात्रि तक कमजोर होकर दबाव क्षेत्र में बदल जाएगा।

फोटो: PTI
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पीटीआई (भाषा)

बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने गहरे दबाव के क्षेत्र के सोमवार को ओडिशा में पुरी के पास तट से टकराने के बाद राज्य सरकार ने उन तटीय जिलों में राहत एवं बचाव अभियान के लिए कमर कस ली है, जिनके इस मौसम प्रणाली से प्रभावित होने की आशंका है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि गहरे दबाव का क्षेत्र किसी निम्न दबाव क्षेत्र का अधिक तीव्र चरण होता है और यह अमूमन चक्रवाती तूफान के पहले बनता है।

भुवनेश्वर में क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र की निदेशक मनोरमा मोहंती ने बताया, “दबाव क्षेत्र हो या चक्रवात, किसी भी मौसम प्रणाली के टकराने में समय लगता है। मौजूदा दबाव क्षेत्र 55 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 65 किलोमीटर प्रति घंटे तक की तेज हवाओं के साथ पूर्वाह्न 10.30 से 11.30 बजे के बीच तट से टकराया।”

इससे पहले, आईएमडी ने एक बुलेटिन में कहा था कि गहरे दबाव का यह क्षेत्र सोमवार शाम तक अपनी तीव्रता बनाए रखते हुए उत्तर-पश्चिम की तरफ बढ़ना जारी रखेगा और मध्यरात्रि तक कमजोर होकर दबाव क्षेत्र में बदल जाएगा।


मौसम विभाग ने ओडिशा के 10 जिलों-गंजाम, कंधमाल, नयागढ़, खुर्दा, बलांगिर, बौध, मलकानगिरी, कोरापुट, नवरंगपुर और पुरी में मंगलवार सुबह 8.30 बजे तक भारी से बहुत भारी बारिश (7-20 सेंटीमीटर) होने की आशंका जताते हुए उनके लिए ‘रेड अलर्ट’ (कार्रवाई करें) जारी किया है।

इस अवधि के दौरान कटक, अनुगुल, ढेंकानाल, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा और सोनपुर जिले में अलग-अलग जगहों पर भारी बारिश होने का अनुमान जताया गया है।

विभाग ने मछुआरों को 11 सितंबर तक समुद्र के पास न जाने की सलाह दी है।

मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी के साथ चर्चा की और मलकानगिरी तथा कोरापुट के वरिष्ठ अधिकारियों व जिला अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्यों में जिला प्रशासन के मार्ग दर्शन और मदद के लिए तत्काल कदम उठाने के निर्देश जारी किए।

मलकानगिरी में सोमवार सुबह 8.30 बजे समाप्त हुई 24 घंटे की अवधि में 253 मिलीमीटर बारिश हुई, जिससे मार्ग अवरुद्ध हो गए। माझी ने तटीय जिलों के जिला अधिकारियों से भी अलर्ट पर रहने को कहा है।

विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) डीके सिंह ने मलकानगिरी, कोरापुट, रायगढ़, गंजाम, कंधमाल, बौध और बलांगिर जिले में ओडीआरएएफ (ओडिशा आपदा त्वरित प्रतिक्रिया बल) की 18 टीम को पहले ही तैनात कर दिया है। राज्य सरकार ने गंजाम, खुर्दा, पुरी, नयागढ़ और बौध में 12 अन्य टीम को भी तैयार रखा है।

अधिकारियों के मुताबिक, बारिश प्रभावित जिलों में अग्निशमन सेवा और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के कर्मियों को भी तैनात किया गया है।


एक अधिकारी ने बताया, “निचले इलाकों से अब तक 560 लोगों (कोरापुट में 56 और मलकानगिरी में 504) को निकाला गया है और उन्हें छह राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। लगभग 150 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं।”

सोमवार सुबह 8.30 बजे समाप्त हुई 24 घंटे की अवधि में जिन अन्य इलाकों में भारी बारिश हुई, उनमें मलकानगिरी के चित्रकोंडा और खैरपुट ब्लॉक (200 मिलीमीटर से अधिक) शामिल हैं, जबकि इसी जिले के कोरुकुंडा, मैथिली, कालीमेला ब्लॉक तथा कोरापुट जिले के बोरीगुम्मा, बोइपरिगुडा, लमतापुर ब्लॉक में 100 मिलीमीटर से अधिक वर्षा दर्ज की गई।

मौसम विभाग ने बताया कि उक्त अ‍वधि में राज्य में औसतन 30.4 मिलीमीटर बारिश हुई।

मलकानगिरी के जिला अधिकारी आशीष ईश्वर पाटिल ने खराब मौसम को देखते हुए मंगलवार को सभी स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र बंद रखने की घोषणा की।

इस बीच, इंजीनियर-इन-चीफ (जल संसाधन) चंद्रशेखर पढ़ी ने संवाददाताओं से कहा कि गहरे दबाव क्षेत्र के प्रभाव से महानदी नदी में हल्की बाढ़ आ सकती है।

उन्होंने बताया कि हीराकुंड बांध में जलस्तर 623.93 फुट है, जबकि इसकी कुल भंडारण क्षमता 630 फुट है।

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