सीयूईटी में एनटीए ने अगर कोई प्रश्न वापस लिया तो छात्रों को मिलेंगे 5 अंक, लेकिन सभी छात्रों को नहीं मिलेगा फायदा

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने कहा है कि अगर सीयूईटी परीक्षा में कोई प्रश्न गलत होता है और उसे एनटीए वापस लेती है, तो उस प्रश्न के लिए हर छात्र को 5 अंक मिलेंगे। लेकिन यह अंक सिर्फ उन्हीं छात्रों को मिलेंगे जो इस वापस लिए गए प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करेंगे।

फोटो : आईएएनएस
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नवजीवन डेस्क

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) 2022 में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। एनटीए के अनुसार, 2022 के लिए मार्किंग स्कीम में संशोधन किया गया है। अब यदि प्रश्न पत्र में कोई प्रश्न गलत पाया जाता है या कोई किसी प्रश्न को वापस लिया जाता है, तो ड्रॉप किए गए प्रश्न के बदले उम्मीदवारों को 5 अंक दिए जाएंगे। हालांकि यह 5 अंक सभी छात्रों को नहीं मिल सकेंगे। इसके लिए भी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने कुछ प्रावधान किए हैं। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के मुताबिक, यह 5 अंक केवल उन्हीं छात्रों को दिए जाएंगे, जो इस संबंधित प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करेंगे।

गौरतलब है कि कई परीक्षाओं में ऐसा देखने को मिलता है कि पूछे गए प्रश्न के सभी विकल्प गलत पाए जाते हैं। ऐसी स्थिति में परीक्षा आयोजित करवाने वाली संस्था उन गलत प्रश्नों को वापस ले लेती है। अब यदि कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट के दौरान ऐसा होता है तो प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करने वाले छात्रों को 5 अंक दिए जाएंगे।

यूजीसी के मुताबिक, कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसके लागू होने के उपरांत छात्रों को अलग-अलग विश्वविद्यालयों के लिए अलग-अलग प्रवेश परीक्षाएं नहीं देनी होंगी। इससे पहले देशभर के 14 केंद्रीय विश्वविद्यालय अपना अलग-अलग एंट्रेंस टेस्ट आयोजित कर रहे थे। हालांकि अब केंद्रीय विश्वविद्यालयों के अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए केवल सीयूईटी देना होगा। इसी टेस्ट के आधार पर विभिन्न अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में दाखिला मिल सकेगा। यह परीक्षा नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा आयोजित करवाई जाएगी।


यूजीसी के चेयरमैन एम. जगदीश कुमार बताया कि कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट स्नातक कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए कई प्रवेश परीक्षाओं को लिखने की कठिनाइयों को समाप्त कर देगा। पहले छात्रों को 14 केंद्रीय विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा में लिखना पड़ता था, लेकिन अब छात्र केवल एकल प्रवेश परीक्षा में लिख सकते हैं।

यूजीसी ने सभी राज्य सरकारों और प्राइवेट विश्वविद्यालयों से छात्रों को अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में प्रवेश देने के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) अपनाने की अपील की है।

यूजीसी की मदद से केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय भी प्राइवेट विश्वविद्यालयों को भी सेंट्रल यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) का हिस्सा बनने के लिए प्रोत्साहित कर रहा। यदि यह प्रयास संभव हो पाता है तो प्राइवेट विश्वविद्यालयों, राज्यस्तरीय विश्वविद्यालयों और डीम्ड विश्वविद्यालयों के छात्रों के लिए यह एक कदम महत्वपूर्ण होगा।

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