NSUI ने बेरोजगारी के खिलाफ निकाला छात्र अधिकार मार्च, ‘नौकरी दो या डिग्री वापस लो’ के नारे से गूंजी दिल्ली
एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने कहा कि जब से बीजेपी सरकार आई है, शिक्षा, छात्रों और युवाओं पर लगातार हमले हो रहे हैं। मोदी सरकार छात्रों से किये सारे वादे निभाने में पूरी तरह नाकाम रही है और उल्टा मोदीजी ने हमारे देश को सिर्फ बेरोजगारी दी है।
कांग्रेस की छात्र इकाई नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने आज देश में लगातार बढ़ रही बेरोजगारी और छात्रों के मुद्दों पर ‘नौकरी दो या डिग्री वापस लो’ कैंपेन के तहत राजधानी दिल्ली में छात्र अधिकार मार्च का आयोजन किया। इस मार्च में भारत के अलग-अलग राज्यों से हजारों की संख्या में आए छात्रों और बेरोजगार युवाओं ने हिस्सा लिया।
एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने कहा कि, "जब से देश में मोदी सरकार आई है, तब से लगातार शिक्षा, छात्रों और युवाओं पर हमले हुए हैं, छात्रों को शिक्षा लेने से वंचित किया जा रहा है। सरकारी नौकरियों में देरी से ज्वाइनिंग हो रही है। दिल्ली पुलिस वैकेंसी में छात्रों के 7 करोड़ रुपए लूटने के बाद रद्द हो गई, प्लेसमेंट सेल बिल्कुल निष्क्रिय हो चुकी है, जिसके कारण 3 करोड़ के लगभग छात्र इस सिस्टम के शिकार हो चुके हैं और बेरोजगारी पिछले 45 वर्षो में सबसे जयादा है।"
एनएसयूआई अध्यक्ष ने कहा, "बिहार में 94 हजार शिक्षकों के पद खाली हैं लेकिन सरकार भरना नहीं चाहती। मेडिकल परीक्षा के फार्म वर्षो से लटके हुए हैं। रेलवे एनटीपीसी परीक्षा में डेढ़ साल की देरी तथा यूपी शिक्षक भर्ती घोटाला भाजपा सरकार की युवा एवं छात्र विरोधी नीतियों के जीते जागते उदाहरण हैं, जिसके कारण बेरोजगारी लगातार बढ़ती जा रही है।"
एनएसयूआई के अनुसार, "केंद्र की मोदी सरकार छात्रों समेत देश के लोगों से किये अपने सारे वादे निभाने में पूरी तरह नाकाम रही है, मोदी सरकार का प्रतिवर्ष दो करोड़ रोजगार देने का वादा था, लेकिन मोदीजी ने उसके बदले हमारे देश को सिर्फ बेरोजगारी दी है।”
दिल्ली में यह छात्र अधिकार मार्च एनएसयूआई के राष्ट्रीय मुख्यालय से शुरू होकर संसद भवन की ओर बढ़ा। हालांकि इस दौरान पुलिस ने सुरक्षा-व्यवस्था चाक चौबंद कर रखी थी। संसद भवन की ओर कूच कर रहे एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को पुलिस ने बैरिकेड लगाकर आगे बढ़ने से रोक दिया। इस दौरान पुलिस और छात्रों के बीच काफी देर तक धक्का-मुक्की भी हुई। पुलिस द्वारा मार्च पर बल प्रयोग भी किया गया है।
वहीं, एनएसयूआई ने बताया कि मार्च को रोकने के लिए पुलिस ने एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष समेत 200 से अधिक कार्यकर्ताओ और छात्रों को हिरासत में ले लिया। एनएसयूआई के मुताबिक अधिकार मार्च में कुछ असमाजिक तत्वों ने पुलिस और हमारे कार्यकर्ताओं पर पथराव किया, जिसकी एनएसयूआई कड़े शब्दो में निंदा करती है।
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