अब स्विगी में बड़े पैमाने पर छंटनी, डिलिवरी ग्रोथ धीमी होने के चलते 380 कर्मचारियों को निकालेगी

पिछले वित्त वर्ष के 1,617 करोड़ रुपये की तुलना में 2022 में ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म का घाटा दोगुना होकर 3,629 करोड़ रुपये हो गया है। कंपनी ने कहा कि वह जल्द ही अपने मीट मार्केटप्लेस को बंद कर देगी क्योंकि यह उत्पाद-बाजार में फिट नहीं हो पा रही है।

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

देश में विकराल होती बेरोजगारी के बीच ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी ने शुक्रवार को पुष्टि की है कि कंपनी 380 कर्मचारियों की छंटनी कर रही है क्योंकि फूड डिलीवरी ग्रोथ धीमी है। कर्मचारियों को भेजे एक ईमेल में सह-संस्थापक और सीईओ श्रीहर्ष मजेटी ने कहा, "खाना पहुंचाने के लिए विकास दर हमारे अनुमानों (विश्व स्तर पर कई सहकर्मी कंपनियों के साथ) की तुलना में धीमी हो गई है। इसका मतलब यह है कि हमें अपने लाभप्रदता लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अपनी समग्र अप्रत्यक्ष लागतों पर फिर से विचार करने की जरूरत है।"

उन्होंने आगे कहा, "हम पहले से ही बुनियादी ढांचे, कार्यालय/सुविधाओं आदि जैसी अन्य अप्रत्यक्ष लागतों पर कार्रवाई शुरू कर चुके हैं, हमें भविष्य के अनुमानों के अनुरूप अपने समग्र कर्मियों की लागतों को भी सही आकार देने की जरूरत थी। हमारी ओवरहायरिंग गलत निर्णय था और मुझे यहां बेहतर करना चाहिए था।"

प्रभावित कर्मचारियों को 3 महीने का न्यूनतम सुनिश्चित भुगतान प्राप्त होगा, जिसमें 100 प्रतिशत परिवर्तनीय वेतन/प्रोत्साहन शामिल होगा। भुगतान किया गया ज्वाइनिंग बोनस और रिटेंशन बोनस माफ कर दिया जाएगा। कंपनी ने कहा कि इसके अलावा, प्रभावित कर्मचारियों को 31 मई, 2023 तक अपने और नामित परिवार के सदस्यों के लिए चिकित्सा बीमा कवरेज मिलेगा।


कंपनी ने यह भी कहा कि वह जल्द ही अपने मीट मार्केटप्लेस को बंद कर देगी क्योंकि कंपनी अपने पुनरावृत्तियों के बावजूद उत्पाद-बाजार में फिट नहीं हो पा रही है। इसके अलावा, पिछले वित्त वर्ष में 1,617 करोड़ रुपये की तुलना में वित्त वर्ष 2022 में ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म का घाटा दोगुना होकर 3,629 करोड़ रुपये हो गया।

रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) के वार्षिक वित्तीय विवरण के अनुसार, वित्त वर्ष 2022 में कुल खर्च 131 प्रतिशत बढ़कर 9,574.5 करोड़ रुपये हो गया। वित्त वर्ष 2022 के दौरान स्विगी का राजस्व 2.2 गुना बढ़कर 5,705 करोड़ रुपये हो गया था, जो वित्त वर्ष 2021 में 2,547 करोड़ रुपये था।

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