अब खाने पर मंहगाई की मार, टमाटर के भाव में लगी आग, दिल्ली में 80 रुपये किलो पहुंचा दाम
राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाके में शुक्रवार को टमाटर 80 रुपये प्रति किलो तक बिका। बताया जा रहा है कि बरसात में फसल खराब होने से टमाटर की आवक घटने के कारण कीमतों में उछाल आया है। अगले सप्ताह से नई फसल के आने के बाद से कीमतों में गिरावट आने की उम्मीद है।
देश में पेट्रोल-डीजल समेत रसोई गैस की कीमतों में उछाल के बाद अब खाद्य पदार्थों पर मंहगाई की मार देखने को मिल रही है। बरसात का सीजन शुरू होने के साथ ही टमाटर फिर से लाल हो गया है। देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाके में शुक्रवार को टमाटर 70 रुपये प्रति किलो बिका। बताया जा रहा है कि बरसात में फसल खराब होने से टमाटर की आवक घटने के कारण कीमतों में उछाल आया है। अगले सप्ताह से नई फसल की आवक जोर पकड़ने के बाद कीमतों में गिरावट आने की उम्मीद है।
बीते एक महीने में टमाटर के दाम थोक दाम में 10 गुना तक की वृद्धि हुई है। एक महीने पहले दिल्ली की आजादपुर मंडी में टमाटर का भाव जहां 1.25 रुपये से लेकर 4.75 रुपये प्रति किलो चल रहा था, वहीं शुक्रवार को यहां टमाटर का थोक भाव 6.44 रुपये प्रति किलो था। मॉडल रेट की बात करें तो तीन जून को आजादपुर मंडी में टमाटर का मॉडल रेट तीन रुपये प्रति किलो था, जो बढ़कर 29 रुपये प्रति किलो यानी करीब 10 गुना ज्यादा हो गया है।
एक दिन पहले मंडी में टमाटर का थोक भाव 52 रुपये प्रति किलो तक उछला यानी बीते एक महीने में करीब 995 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। थोक दाम बढ़ने से दिल्ली-एनसीआर में टमाटर का भाव गुरुवार को 80 रुपये किलो तक पहुंच गया। दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में खुदरा टमाटर 50.70 रुपये प्रति किलो बिक रहा था।
आजादपुर कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) के अध्यक्ष आदिल अहमद खान ने बताया कि टमाटर की आवक कम होने की वहज से कीमतों में इजाफा हुआ है। आजादपुर मंडी में तीन जून को टमाटर की आवक 528.2 टन थी, जबकि तीन जुलाई को आवक 281.6 टन थी। इस प्रकार, आवक एक महीने में घटकर तकरीबन आधी रह गई। एक दिन पहले टमाटर की आवक घटकर 241.9 टन रह गई थी, जिसके कारण थोक भाव 6.52 रुपये प्रति किलो, जबकि मॉडल रेट 32 रुपये प्रति किलो हो गया था।
उन्होंने कहा कि टमाटर ही नहीं, तमाम सब्जी और फलों के दाम में तेजी आई है जिसकी एक बड़ी वजह डीजल के दाम में वृद्धि है। उन्होंने कहा कि डीजल के दाम में बढ़ोतरी से सब्जियों की परिवहन लागत बढ़ गई है। हालांकि, उन्होंने बताया कि टमाटर अब ज्यादा लाल नहीं होगा, अगले सप्ताह से हिमाचल प्रदेश से नई फसल की आवक जोर पकड़ने वाली है। जिसके बाद कीमतों में गिरावट आ जाएगी। उन्होंने कहा कि इस समय दिल्ली में 90 फीसदी आवक हिमाचल से हो रही है, जबकि 10 फीसदी आवक हरियाणा और कर्नाटक से हो रही है।
कोरोना काल में देशव्यापी लॉकडाउन के कारण होटल, रेस्तरां, कैंटीन और ढाबा बंद रहने के कारण टमाटर, प्याज समेत तमाम हरी सब्जियों की खपत बीते महीनों के दौरान घट गई थी, जिससे इनकी कीमतों में काफी गिरावट आई। टमाटर का थोक भाव एक रुपया प्रति किलो से भी कम हो गया था।
चैंबर ऑफ आजादपुर फ्रूट्स एंड वेजीटेबल्स एसोसिएशन के प्रेसीडेंट एम आर कृपलानी ने बताया कि बरसात में फसल खराब होने के कारण आवक कम हो रही है। उन्होंने कहा कि किसान पहले दाम कम होने के कारण परेशान थे और अब फसल खराब होने से परेशान हैं।
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