प्रशांत किशोर के बयान पर भड़के नीतीश कुमार, बिहार के पिछड़ेपन के आरोप पर कहा- सिर्फ सत्य का महत्व है
प्रशांत किशोर ने गुरुवार को कहा था कि बिहार में 30 साल तक दो बड़े नेताओं के शासन करने के बावजूद राज्य पिछड़ा और गरीब है। उन्होंने जन सुराज की चर्चा करते हुए कहा कि दो अक्टूबर से वे पश्चिम चंपारण से पदयात्रा की शुरूआत करेंगे।
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के बिहार के पिछड़ेपन को लेकर दिए गए बयान पर शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इशारों-इशारों में पलटवार किया। उन्होंने सीधे तो कोई जवाब नहीं दिया, लेकिन इतना जरूर कहा कि कौन क्या बोलता है उसका कोई महत्व नहीं है, महत्व सत्य का है। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में क्या काम हुआ है, वह सभी जानते हैं।
एक कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे मुख्यमंत्री से जब पत्रकारों ने पीके के बयान के संबंध में पूछा तब उन्होंने कहा कि कौन क्या बोलता है उसका कोई महत्व नहीं है, महत्व सत्य का है। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि आप सब जानते हैं कि क्या हुआ है और क्या किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सब लोग ही बता दीजिए कि क्या हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी के कहने और बोलने को महत्व नहीं देता हूं।
गौरतलब है कि गुरुवार को प्रशांत किशोर ने कहा था कि बिहार में 30 साल तक दो बड़े नेताओं के शासन करने के बावजूद राज्य पिछड़ा और गरीब है। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार को अगर अग्रणी राज्यों की सूची में लाना है तो नई सोच और नए प्रयास की जरूरत है। उन्होंने जन सुराज की चर्चा करते हुए कहा कि दो अक्टूबर से वे पश्चिम चंपारण से पदयात्रा की शुरूआत करेंगे।
प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि इस दौरान जिन लोगों से मिलने की आवश्यकता होगी उनसे मुलाकात करूंगा और उन्हें जनसुराज की परिकल्पना से जोड़ने का प्रयास करूंगा। हालांकि, इस दौरान प्रशांत किशोर ने सीएम नीतीश कुमार को पिता तुल्य भी बताया था।
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