सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रहीं विदेश मंत्री के पक्ष में आए गडकरी, सुषमा ने फिर दिया ट्रोल्स को कड़ा जवाब
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का ट्रोल्स से बचाव करते हुए कहा कि जिस वक्त लखनऊ में पासपोर्ट विवाद सामने आया था, उस वक्त सुषमा स्वराज देश में नहीं थीं। ऐसे में इस मामले में लिए गए फैसले से उनका कोई लेना देना नहीं है।
उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हिंदू-मुस्लिम जोड़े से जुड़े पासपोर्ट विवाद को लेकर ट्विटर पर लोगों के निशाने पर आईं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बचाव में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी उतर गए हैं। सुषमा स्वराज का बचाव करते हुए गडकरी ने कहा, “जिस वक्त पासपोर्ट विवाद सामने आया था, उस वक्त सुषमा स्वराज देश में भी नहीं थीं। ऐसे में इस मामले में लिए गए फैसले से उनका कोई लेना देना नहीं है।” गडकरी ने यह भी कहा कि इस मामले में जो भी फैसला लिया गया था वह सही था।
इसी मुद्दे पर आज बीजेपी महिला समर्थक सोनम महाजन द्वारा ट्विटर पर सवाल पूछे जाने के बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उन्हें ब्लॉक कर दिया। सोनम महाजन ने ट्विटर पर पासपोर्ट विवाद से जुड़ी एक खबर का लिंक साझा करते हुए सुषमा स्वराज को टैग कर कहा, “ये गुड गर्वनेंस देने आए थे। ये लो भाई, अच्छे दिन आ गए हैं। सुषमा स्वराज जी, मैं आपकी फैन थी, और जिन्होंने आपके साथ अभद्रता की उसके खिलाफ मैं लड़ाई लड़ी। अब आप मेहरबानी करके, मुझे भी ब्लॉक करके इनाम दीजिए। इंतजार रहेगा।”
बीजेपी समर्थक सोनम महाजन द्वारा ट्रोल किए जाने के तुरंत बाद सुषमा स्वराज ने जवाब देते हुए लिखा, “इंतजार क्यों? लीजिए ब्लॉक कर दिया।” सोनम महाजन ने इस बात को लेकर आपत्ति जताई थी कि लखनऊ के क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी पीयूष वर्मा ने एडवर्स रिपोर्ट को कैंसिल कर तन्वी और अनस सिद्दीकी के पासपोर्ट को क्लीयरेंस दे दिया था।
सुषमा स्वराज द्वारा ब्लॉक किए जाने के बाद सोनम महाजन ने ट्वीट कर कहा, “बहुत शुक्रिया मोहतरमा। जिसने आपसे वाजिब सवाल किए उसके साथ आपने बढ़िया सलूक किया। हमें भी ट्रोल की श्रेणी में डाल दीजिए, आपको वोट इसी लिए तो दिया था। मैं आपकी स्वास्थ्य के लिए कामना करती हूं।”
गौरतलब है कि 20 जून को लखनऊ की तन्वी सेठ और उनके पति अनस सिद्दीकी ने क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय के अधिकारी पर पासपोर्ट नवीनीकरण कराने के दौरान दस्तावेजों के नाम पर खुद को अपमानित करने का आरोप लगाया था। तन्वी सेठ और उनके पति ने कहा था कि जब वे पासपोर्ट बनवाने के लिए क्षेत्रीय कार्यालय गए तो उन्हें पासपोर्ट अधिकारी ने धर्म बदलने के लिए कहा। इस घटना की जानकारी तन्वी सेठ ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्वीट कर दी थी। बाद में पासपोर्ट कार्यालय ने माफी मांगते हुए तन्वी सेठ और उनके पति को पासपोर्ट मुहैया करा दिया था।
कुछ लोगों ने मामले की जांच किए बगैर तन्वी सेठ और उनके पति को पासपोर्ट लौटाने पर विरोध जताया था। विरोध के बाद लखनऊ पुलिस ने पूरे मामले की जांच की थी और जांच के बाद दस्तावेजों में तन्वी सेठ और अनस सिद्दीकी द्वारा गलत जानकारी दिए जाने का हवाले देते हुए उनके पासपोर्ट को रद्द कर दिया था। हालांकि पासपोर्ट रद्द करने के बाद लखनऊ के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय ने एडवर्स रिपोर्ट को कैंसिल कर तन्वी और अनस सिद्दीकी के पासपोर्ट को क्लीयरेंस दे दिया था।
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