102 किलो हेरोइन जब्ती मामले में NIA को बड़ी सफलता, मुख्य आरोपी अमृतपाल गिरफ्तार, दुबई भागने की फिराक में था
एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि अमृतपाल सिंह को एनआईए ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया था। इसके साथ ही इस मामले में तीन लोग गिरफ्तार हो चुके हैं।
पिछले साल अटारी सीमा हेरोइन जब्ती मामले में एक बड़ी सफलता में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शनिवार को कहा कि उसने एक मुख्य फरार आरोपी अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया है, जो मामले में नकदी का हैंडलर भी है और बैंकिंग तथा हवाला चैनलों के माध्यम से नशीली दवाओं की आय को वैध बनाता था।
एनआईए के एक प्रवक्ता ने यहां कहा कि सिंह को एनआईए ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया था। इसके साथ ही इस मामले में तीन लोग गिरफ्तार हो चुके हैं।
यह मामला कुल 102.784 किलोग्राम हेरोइन की बरामदगी और जब्ती से संबंधित है, जिसकी कीमत लगभग 700 करोड़ रुपये है। भारतीय सीमा शुल्क द्वारा पिछले साल 24 और 26 अप्रैल को दो किस्तों में जब्ती की गई थी, जब अमृतसर के अटारी स्थित एकीकृत चेकपोस्ट (आईसीपी) के माध्यम से ड्रग्स अफगानिस्तान से देश में लाया गया था। ड्रग्स को लिकोरिस रूट्स (मुलेठी) की खेप में छुपाया गया था।
अधिकारी ने कहा कि सिंह को 12 दिसंबर को अमृतसर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से दुबई भागने की कोशिश के दौरान आव्रजन अधिकारियों ने हिरासत में लिया था।
आव्रजन अधिकारियों ने एनआईए द्वारा उसके खिलाफ जारी लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) के मद्देनजर 7 दिसंबर 2023 को सक्षम प्राधिकारी द्वारा पारित आदेशों के आधार पर उसे हिरासत में लिया।
अधिकारी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय ड्रग सांठगांठ से संबंधित साजिश में सिंह की भूमिका मामले में आरोपी विभिन्न व्यक्तियों के सहयोगियों की जांच के बाद और सिंह द्वारा अन्य आरोपियों के बैंक खातों में किए गए कई आपत्तिजनक लेनदेन से सामने आई।
एनआईए की जांच के अनुसार, सिंह को वैश्विक ड्रग कार्टेल द्वारा रची गई बड़ी साजिश में शामिल पाया गया है।
अधिकारी ने एजेंसी की अब तक की जांच का हवाला देते हुए कहा, “ड्रग नेटवर्क के हिस्से के रूप में वह भारत में विभिन्न वितरकों के और विदेश में बसे मुख्य आरोपियों के बीच ड्रग्स के पैसे के संचलन का माध्यम था। सिंह ने ड्रग्स की आय को स्थानांतरित करने के लिए अपनी ट्रैवल एजेंसी और मनी ट्रांसफर व्यवसाय का इस्तेमाल किया।”
आरोपियों के सहयोगियों के खुलासे के आधार पर, एनआईए ने इस साल 22 अक्टूबर को सिंह के आवासीय और आधिकारिक परिसरों की तलाशी ली थी, जिसमें नशीले पदार्थों की आय के रूप में 1.34 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हुई थी।
यह भी पाया गया कि सिंह ने दुबई स्थित फरार आरोपी शाहिद अहमद उर्फ काजी अब्दुल वदूद के कहने पर ड्रग्स की आय उसके (शाहिद के) और उसके भारत स्थित सहयोगी रज़ी हैदर ज़ैदी तथा कुछ अन्य के बैंक खातों में हस्तांतरित किया।
अधिकारी ने कहा कि 8 नवंबर 2023 को सक्षम प्राधिकारी द्वारा फ्रीजिंग आदेश जारी करने के एक दिन बाद एनआईए ने एनडीपीएस अधिनियम की धाराओं के तहत सिंह की जब्त की गई नकद राशि को 'अवैध रूप से अर्जित संपत्ति' के रूप में फ्रीज कर दिया।
अधिकारी ने कहा कि गृह मंत्रालय के निर्देश पर मामला अपने हाथ में लेने के बाद एनआईए की जांच से अब तक पता चला है कि शाहिद अहमद के निर्देश पर नशीली दवाओं की खेप अफगानिस्तान स्थित मजार-ए-शरीफ निवासी सह-आरोपी नजीर अहमद कानी द्वारा भारत भेजी गई थी।
अधिकारी ने कहा कि इसे मौद्रिक लाभ के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में वितरण के लिए भारत में आरोपी रज़ी हैदर जैदी को दिया जाना था।
एनआईए ने पिछले साल 16 दिसंबर को इस मामले में चार आरोपियों शाहिद अहमद उर्फ काजी अब्दुल वदूद, नजीर अहमद कानी, रजी हैदर जैदी और विपिन मित्तल के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।
दिल्ली के रहने वाले मित्तल और जैदी को अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था। वहीं भारत से बाहर रहने वाले शाहिद और नजीर को मामले में फरार घोषित कर दिया गया है।
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