उत्तर प्रदेश के वेतन फर्जीवाड़ा में नया मोड़, असली अनामिका शुक्ला आईं सामने, आज भी हैं बेरोजगार

अनामिका शुक्ला ने बताया कि साल 2017 में उन्होंने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में विज्ञान शिक्षक के लिए सुलतानपुर, जौनपुर, बस्ती, मिर्जापुर और लखनऊ में आवेदन जरूर किया था, लेकिन न तो कभी काउंसिलिंग में भाग लिया और न ही कभी कहीं नौकरी की।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया
user

आईएएनएस

उत्तर प्रदेश में एक साथ 25 स्कूलों में काम करके एक करोड़ रुपये का वेतन उठाने के लिए बीते एक सप्ताह से चर्चा में रहीं अनामिका शुक्ला आज सामने आ गई हैं। लेकिन दिलचस्प बात ये है कि प्रदेश के गोंडा जिले की रहने वाली अनामिका शुक्ला ने किसी भी जिले में नौकरी नहीं की है, और वह आज भी बेरोजगार हैं।

चारों तरफ नाम की चर्चा होेने के बाद मंगलवार को गोंडा में बेसिक शिक्षा अधिकारी के सामने आई अनामिका शुक्ला नामक युवती ने दावा किया कि वह कहीं नौकरी नहीं कर रही है, बल्कि उसके शैक्षिक अभिलेखों का दुरुपयोग कर फर्जीवाड़ा किया गया है। अनामिका शुक्ला ने बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. इंद्रजीत प्रजापति को अपने मूल अभिलेख दिखाते हुए कहीं भी नौकरी नहीं करने का दावा किया है।

बेसिक शिक्षा अधिकारी को अनामिका शुक्ला ने बताया कि उनका मायका गोंडा के भुलईडीह में है। 2013 में पिता सुभाष चंद्र शुक्ल ने उनकी शादी धानेपुर के दुर्गेश शुक्ल के साथ कर दी। वर्तमान में वह ससुराल में रह रही हैं। उनको एक लड़की और एक लड़का है। उन्होंने बताया कि साल 2017 में उन्होंने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में विज्ञान शिक्षक के लिए सुलतानपुर, जौनपुर, बस्ती, मिर्जापुर और लखनऊ में आवेदन जरूर किया था, लेकिन न तो काउंसिलिंग में कभी भाग लिया और न ही अभी कहीं नौकरी कर रही हैं।

पूरे मामले पर बीएसए डॉ. इंद्रजीत प्रजापति ने बताया कि अनामिका शुक्ला की ओर से इस आशय का शपथ दिया गया है कि उसके शैक्षिक अभिलेखों को फर्जी ढंग से इस्तेमाल किया गया। उसने शपथ पत्र में लिखा है कि मीडिया में मामला देखा तो मंगलवार को सच्चाई अवगत कराने के लिए यहां आई।" बीएसए ने बताया कि "अनामिका शुक्ला ने मूल अभिलेख प्रस्तुत किया है। शैक्षिक अभिलेखों के दुरुपयोग के मामले में उनको एफआईआर दर्ज कराने के लिए कहा गया है।"

अनामिका शुक्ला ने कहा है कि उसके शैक्षिक अभिलेखों का गलत इस्तेमाल कर इस मामले में पकड़ी गई युवती ने अलग-अलग जगहों पर नौकरी हथियाने का काम किया है। उसने आशंका जताई है कि इसके पीछे एक बड़ा रैकेट हो सकता है। बीते कई दिनों से चल रहे इस मामले का असली अनामिका के सामने आने के साथ एक तरह से पटाक्षेप हो गया है।

गौरतलब है कि पिछले कई दिनों से प्रदेश सहित पूरे देश में उत्तर प्रदेश की अनामिका शुक्ला का नाम छाया हुआ है। कहा जा रहा है कि अनामिका शुक्ला नाम की महिला एक साथ प्रदेश के 25 जिलों के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में इस नाम से पूर्णकालिक शिक्षिका की नौकरी कर रही थी। इस दौरान उक्त महिला ने इन सभी विद्यालयों से करीब एक करोड़ रुपये वेतन के तौर पर उठाए। यह प्रकरण खुलने के बाद से ही अनामिका की खोज की जा रही थी।

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia