नीलाभ सत्ता से सच कहने में कभी नहीं डरेः सोनिया गांधी
नीलाभ मिश्र की साथी कविता श्रीवास्तव को भेजे अपने शोक संदेश में सोनिया गांधी ने उनके विचारों, कार्यों, व्यक्तित्व और अदम्य साहस को सलाम किया।
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नेशनल हेराल्ड के प्रधान संपादक नीलाभ मिश्र के असामयिक निधन पर गहरा दुख प्रकट किया है। नीलाभ मिश्र की साथी और संगिनी कविता श्रिवास्तव को भेजे अपने संदेश में सोनिया गांधी ने कहा है कि नीलाभ मिश्र के निधन से पत्रकारिता जगत को एक बहुत बड़ा धक्का लगा है। उन्होंने नीलाभ मिश्र को याद करते हुए उनके विचारों, कार्यों और संपादकिय आलेखों के साथ ही उनके सौम्य व्यवहार और सत्यनिष्ठा का भी विशेष रूप से जिक्र किया।
सोनिया गांधी ने अपने पत्र में लिखा, “नीलाभ के दुखद और असामयिक निधन के समय से ही मेरी संवेदनाएं आप के साथ हैं। नीलाभ ने अपनी बीमारी का भी उसी अदम्य साहस और धैर्य के साथ मुकाबला किया, जिस तरह से उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी को जिया। नीलाभ का जीवन धर्मनिरपेक्ष, उदारवादी और लोकतांत्रिक सिद्धांतों के प्रति अविश्वसनीय प्रतिबद्धता का जीवन था, जिसमें कमजोर और बेआवाज लोगों के लिए गहरी चिंता और करुणा थी। नीलाभ कभी भी सत्ता से सच कहने में नहीं डरे। प्रेस की आजादी के एक निर्भीक पक्षधर के तौर पर नीलाभ को ना सिर्फ अपने साथी पत्रकारों के बीच बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी बहुत पसंद किया जाता था और सम्मान दिया जाता था।”
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने लिखा, “अपने समस्त लेखन में उन्होंने एक समेकित, सहिष्णु और मानवीय समाज के रूप में भारत को लेकर नेहरू के विचारों और आदर्शों को आगे बढ़ाया, जो उनके संपादकीय नेतृत्व में नेशनल हेराल्ड में परिलक्षित होता था। पंडित जी द्वारा स्थापित अखबार में जो नई ऊर्जा और पेशेवर उत्कृष्टता का जो उन्होंने संचार किया वह वास्तव में प्रशंसनीय थी। नीलाभ को उनकी प्रतिभा, समग्रता और सत्यनिष्ठा के साथ ही उनके उस उदार और सौम्य व्यवहार के लिए बहुत याद किया जाएगा, जिससे उनका मजबूत हृदय पूरी तरह से भरा हुआ था।”
अंत में सोनिया गांधी ने कविता जी को ढांढस देते हुए लिखा, “मुझे आशा है कि आपको इस दुख की घड़ी का सामना करने की ताकत मिलेगी।”
नेशनल हेराल्ड के प्रधान संपादक नीलाभ मिश्र का निधन 24 फरवरी को चेन्नई के अपोलो अस्पताल में हो गया था। नीलाभ को नॉन-एल्कोहॉलिक लिवर सिरॉसिस के कारण ज्यादा तबियत खराब होने पर चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान मल्टीपल ऑर्गन फेल्योर के चलते उनका लिवर ट्रांसप्लांट नहीं कराया जा सका और 24 फरवरी को उन्होंने अंतिम सांसें ली। उस समय उनके पास उनकी लंबे समय से दोस्त और संगिनी कविता श्रीवास्तव और उनके कई रिश्तेदार, दोस्त, कॉमरेड्स और नजदीकी लोग थे। 57 वर्षीय नीलाभ के परिवार में उनकी साथी कविता श्रीवास्तव, भाई शैलोज कुमार, भाभी सुधा और भतीजी नवाशा हैं।
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