हिमाचल प्रदेश में प्रकृति का कहर जारी, भूस्खलन से कई गांव का संपर्क टूटा, लोग सहमे
भूस्खलन से लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सड़क मार्ग अवरुद्ध होने से उन्हें आवाजाही में काफी दिक्कत हो रही है। जब लोग घर से शिलाई की ओर जा रहे थे, तभी भूस्खलन की घटना हुई।
हिमाचल प्रदेश में प्रकृति का कहर जारी है। पांवटा साहिब के शिलाई विधानसभा क्षेत्र में रविवार को भूस्खलन हुआ है। इसके चलते द्राबिल, नैनीधार और गत्ताधार मार्ग पर सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं और कई गांवों का संपर्क जिले से टूट गया।
भूस्खलन से लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सड़क मार्ग अवरुद्ध होने से उन्हें आवाजाही में काफी दिक्कत हो रही है। जब लोग घर से शिलाई की ओर जा रहे थे, तभी भूस्खलन की घटना हुई। इसका वीडियो भी सामने आया है, जिसमें लैंडस्लाइड के चलते सड़क मार्ग क्षतिग्रस्त दिख रहा है।
स्थानीय लोग भूस्खलन की घटना से काफी सहमे हुए हैं। उन्होंने सड़क को खोलने के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग से गुहार लगाई है। लोगों का कहना है कि आवाजाही में दिक्कत हो रही है।
वहीं, भूस्खलन की सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आ गया। रिपोर्ट के अनुसार, मशीन की मदद से मार्ग को खुलवाने का प्रयास किया जाएगा। लोगों से सावधान रहने की अपील की जा रही है।
कुछ दिन पहले भी शिलाई के एनएच 707 पर भूस्खलन से भारी मलबा आ गया था जिसकी वजह से राष्ट्रीय राजमार्ग पर गाड़ियों की आवाजाही बंद हो गई थी। उत्तरी गांव के समीप भारी भूस्खलन से स्थानीय लोगों को काफी परेशानी हो रही है। राहगीरों को भी आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
हिमाचल प्रदेश में 27 जून से 16 अगस्त के बीच बादल फटने और बाढ़ की घटनाओं में 20 से ज्यादा लोगों की जान चली गई है। कई लोग अब भी लापता हैं। लाहौल, स्पीति, किन्नौर, ऊना, कुल्लू , मंडी, सिरमौर, चंबा, हमीरपुर, शिमला और सोलन जिलों में बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं।
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