‘नमो टीवी’ की सच्चाई हैरान करने वाली है, भारत के प्रसारण इतिहास का इकलौता चैनल जिसका इस तरह से हो रहा संचालन 

भारत के प्रसारण इतिहास में शायद यह पहला मौका है जब किसी चैनल ने अनुमति के लिए आवेदन किए बिना ही प्रसारण शुरू कर दिया हो। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक ऐसा पहले हुआ है कि केबल ऑपरेटरों ने बिना इजाजत के पाकिस्तानी या चीनी चैनलों को दिखाना शुरू कर दिया हो।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

प्रधानमंत्री के नाम वाला नमो टीवी पर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। इस चैनल का प्रसारण शुरू हुए एक सप्ताह हो गया है। यह चैनल कई डीटीएच प्लेटफार्मों और केबल नेटवर्क्स पर उपलब्ध है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि न तो इस चैनल के पास प्रसारण लाइसेंस है और न ही प्रसारण लाइसेंस के लिए आवेदन ही किया गया है। न्यूज पोर्टल दि प्रिंट के खबर के मुताबिक नमो टीवी का संचालन मौजूदा प्रसारण कानूनों के तहत अवैध है।

पोर्टल ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के एक अधिकारी के हवाले से कहा है कि भारत के प्रसारण इतिहास में शायद यह पहला मौका है जब किसी चैनल ने अनुमति के लिए आवेदन किए बिना ही प्रसारण शुरू कर दिया हो। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक ऐसा पहले हुआ है कि केबल ऑपरेटरों ने बिना इजाजत के पाकिस्तानी या चीनी चैनलों को दिखाना शुरू कर दिया हो। लेकिन ये पहली बार है जब कोई भारतीय चैनल बिना किसी अनुमति के प्रसारण करने लगा हो।

क्योंकि नमो टीवी ने लाइसेंस के लिए आवदेन ही नहीं किया है, ऐसे में ये पता करना मुश्किल है कि यह चैनल किसका है और ये भी साफ नहीं है कि चैनल समाचार श्रेणी में संचालित है या गैर-समाचार श्रेणी में। वहीं डीटीएच सर्विस प्रोवाइडर टाटा स्काई के एक ट्वीट पर भी विवाद हो गया है। टाटा स्काई के सीईओ हरित नागपाल ने कहा है कि नमो टीवी हिंदी न्यूज सर्विस नहीं, बल्कि यह एक इंटरनेट आधारित सर्विस प्रोवाइडर है। नागपाल ने अपनी सफाई में कहा कि नमो टीवी हिंदी न्यूज सर्विस नहीं है।

जबकि इससे पहले टाटा स्काई के ट्वीटर हैंडल से एक ट्वीट किया गया, जिसमें एक यूजर के सवाल के जवाब में नमो टीवी को हिंदी न्यूज सर्विस बताया गया। इसी ट्वीट पर विवाद हो गया। क्योंकि, नमो टीवी इस श्रेणी के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की जरूरी औपचारिकताओं एवं शर्तों को पूरा नहीं करती। बता दें कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने नमो टीवी के प्रसारण पर आपत्ति जताते हुए चुनाव आयोग से शिकायत की है। जिसके बाद चुनाव आयोग ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से इस संबंध में रिपोर्ट देने को कहा है।

बता दें कि हर डीटीएच पर यह चैनल बिना सब्सक्राइब किए ही दिखाया जा रहा है। इसी पर जब एक उपभोक्ता ने टाटा स्काई से सवाल पूछा कि उनसे नमो टीवी को सब्सक्राइब नहीं किया है, फिर उसे यह चैनल क्यों दिखाया जा रहा है। इस पर डीटीएच सर्विस प्रोवाइडर का कहना था कि यह एक लॉन्च ऑफर है और उसे बंद नहीं किया जा सकता। टाटा स्काई ने कहा, ” यह राष्ट्रीय राजनीति की ताजा ब्रेकिंग न्यूज मुहैया कराने वाला हिंदी न्यूज सेवा है।”

वहीं मीडिया रिपोर्टस की मानें तो नमो टीवी एक सामान्य चैनल नहीं है। यह सिर्फ विज्ञापन मुहैया कराने वाला एक प्लैटफॉर्म है, जिसे सर्विस प्रोवाइडर ने लॉन्च किया है। बता दें कि 31 मार्च को पीएम मोदी ने खुद ट्वीट कर इस चैनल के बारे में बताया था। उन्होंने कहा था कि वो ‘मैं भी चौकीदार’ अभियान की शुरुआत कर रहे हैं। नमो टीवी पर लोग इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण देख सकते हैं।

बता दें कि कांग्रेस ने नमो टीवी को केबल टेलीविजन नेटवर्क्स रूल्स, 1994 का उल्लंघन बताते हुए चुनाव आयोग से इसे बंद करने के आदेश देने की मांग की थी। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि इसमें जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 के कई प्रावधानों का भी उल्लंघन हुआ है। कांग्रेस का कहना है कि यह राजनीतिक दलों या उम्मीदवारों के पक्ष में सरकारी विज्ञापनों या सरोगेट विज्ञापनों संबंधी चुनाव आयोग के निर्देशों के भी खिलाफ है।

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Published: 04 Apr 2019, 6:16 PM