नेमप्लेट विवाद: 'सरकार अदालत से सीखे', सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अखिलेश बोले- “सौहार्दमेव जयते” लिखा जाना चाहिए

उच्चतम न्यायालय की ओर से सोमवार को अंतरिम रोक लगाये जाने के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि एक नयी नाम पट्टिका पर “सौहार्दमेव जयते” लिखा जाना चाहिये।

सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानों में नेमप्लेट लगाने पर रोक लगाई
सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानों में नेमप्लेट लगाने पर रोक लगाई
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नवजीवन डेस्क

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग में सभी दुकानों पर नेमप्लेट लगाने का आदेश जारी किया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को रोक लगा दी। इस मामले में कांग्रेस और सपा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। दोनों दलों ने कहा कि सरकार के ऐसे निर्णयों से भाईचारा खत्म होगा। 

उच्चतम न्यायालय की ओर से सोमवार को अंतरिम रोक लगाये जाने के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि एक नयी नाम पट्टिका पर “सौहार्दमेव जयते” लिखा जाना चाहिये।

यादव ने उच्चतम न्यायालय का आदेश आने के बाद सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “एक नयी नाम पट्टिका पर लिखा जाए : सौहार्दमेव जयते।”

उच्चतम न्यायालय ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों पर उनके मालिकों के नाम प्रदर्शित करने संबंधी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार के निर्देश पर अंतरिम रोक लगा दी।

कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने कहा कि न्यायालय ने यूपी की योगी सरकार के समाज में जहर घोलने वाले नाम लिखने वाले आदेश पर रोक लगाकर इस देश के भाईचारे को मजबूती दी है। भाजपा की योगी सरकार को अलग-अलग न्यायालय द्वारा बार-बार किरकिरी का सामना करना पड़ रहा है, फिर भी सीख नहीं लेते हैं।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी प्रदेश और परिवार बड़े मन और उदार भाव से चलता है। कभी भी इस तरीके के समाज में जहर बोलने वाले निर्णय को करने से पहले सौ बार आपको जरूर सोचना चाहिए और आज के न्यायालय के इस निर्णय से मुख्यमंत्री आपको सीख लेनी चाहिए।


सपा प्रवक्ता सुनील साजन ने कहा कि जब ऐसा आदेश सरकार लाई तभी हमारे नेता ने कहा था कि ऐसे निर्णयों पर कोर्ट को स्वत: संज्ञान लेना चाहिए। भाजपा जब जनता की अदालत में गई तो उन्होंने ठीक कर दिया, फिर कोर्ट में मुंह की खानी पड़ी।

उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी को समझना चाहिए कि देश जाति-धर्म के नाम पर बंटवारा से नहीं चलेगा। यहां की संस्कृति-सभ्यता एक दूसरे के सम्मान और एक दूसरे से मिलकर है। अभी जब यह उपचुनाव में जाएंगे तो इन्हें फिर मुंह की खानी पड़ेगी। क्योंकि यह अपने नफरत और बंटवारे वाले एजेंडे से हट नहीं पा रहे हैं।

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों ने हाल में आदेश जारी कर कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों से अपने मालिकों के नाम प्रदर्शित करने को कहा था। इसके अलावा मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) शासित उज्जैन नगर निगम ने भी दुकानदारों को अपने प्रतिष्ठानों के बाहर नाम और मोबाइल नंबर प्रदर्शित करने का शनिवार को निर्देश दिया था।

इस आदेश का सपा, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के साथ-साथ केन्द्र की बीजेपी नीत गठबंधन सरकार में शामिल राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख जयंत चौधरी ने भी कड़ा विरोध किया था।

पीटीआई और आईएएनएस के इनपुट के साथ

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