ब्रह्मोस जासूसी: नागपुर कोर्ट ने निशांत अग्रवाल को ट्रांजिट रिमांड पर भेजा, यूपी एटीएस करेगी पूछताछ
नागपुर सत्र न्यायालय ने ब्रह्मोस की नागपुर यूनिट में काम करने वाले इंजीनियर निशांत अग्रवाल को तीन दिनों के लिए उत्तर प्रदेश एटीएस को रिमांड पर दे दिया है। महाराष्ट्र एटीएस की मदद से ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट के सीनियर सिस्टम गिरफ्तार किया था।
नागपुर सेशंस कोर्ट ने पाकिस्तान को ब्रह्मोस मिसाइल संबंधी जानकारी लीक करने के आरोपी निशांत अग्रवाल को 3 दिन की ट्रांजिट रिमांड दी है। रिमांड मिलने के बाद यूपी एटीएस निशांत को यूपी ला सकती है, जहां उससे आगे की पूछताछ की जाएगी। महाराष्ट्र एटीएस की मदद से ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट के सीनियर सिस्टम गिरफ्तार किया था। उसके लैपटॉप से कई गोपनीय दस्तावेज मिले थे।
निशांत के पास से ब्रह्मोस मिसाइल और उसमें इस्तेमाल किए जाने वाले हथियार के डिजाइन बरामद हुए हैं। आरोप है कि उसने ब्रह्मोस मिसाइल प्रॉजेक्ट से जुड़ी कई जानकारियां पाकिस्तान और अमेरिका की खुफिया एजेंसियों से साझा की हैं। एजेंसियों को डर है कि अगर ये डिजाइन पाकिस्तान को भेज गए हैं तो यह देश की सुरक्षा को लेकर बड़ा खतरा है।
सोमवार को यूपी एटीएस ने महाराष्ट्र एटीएस की मदद से ब्रह्मोस मिसाइल प्रॉजेक्ट की जासूसी के शक में नागपुर यूनिट में तैनात इंजिनियर निशांत अग्रवाल को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार निशांत के घर से ब्रह्मोस से जुड़े कई ऐसे गोपनीय दस्तावेज मिले थे, जो उसके कार्यक्षेत्र से जुड़े नहीं थे।
बता दें कि जासूसी का आरोपी निशांत 31 जुलाई 2013 से ब्रह्मोस मिसाइल अनुसंधान केंद्र के तकनीकी डिविजन में काम कर रहा था। वह हाइड्रोलिक्स न्यूमैटिक्स ऐंड वॉरहेड इंट्रीगेशन (प्रॉडक्शन) का प्रमुख है। उसके नेतृत्व में 40 लोगों की टीम काम कर रही थी। उसके जिम्मे ब्रह्मोस नागपुर के अलावा पिलानी प्रॉजेक्ट का सुपरविजन भी था। ब्रह्मोस भारत-रूस का जॉइंट वेंचर है।
क्या है ब्रह्मोस:
ब्रह्मोस एक मध्यम दूरी की सुपरसोनिक मिसाइल है। इसे हवा, पानी और जमीन, तीनों जगहों से दागा जा सकता है। दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइल मानी जानी वाली ब्रह्मोस को भारत और रूस ने मिलकर विकसित किया है।
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