सीरिया वाले बयान की मुस्लिम समुदाय में तीखी आलोचना, श्री श्री ने फिर कहा, ‘ये लोग विकृत मानसिकता वाले’

श्री श्री रविशंकर के सीरिया वाले बयान की मुस्लिम समुदाय ने तीखी आलोचना करते हुए इसे धमकी करार दिया है। वहीं श्री श्री ने अपने बयान पर सफाई देते हुए ऐसे लोगों को विकृत मानसकिता वाला करार दिया है।

फोटो : सोशल मीडिया
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तनवीर अहमद

श्री श्री रविशंकर ने बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद पर जो बयान दिया है, उस पर देश के अल्पसंख्यक समुदाय ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। श्री श्री रविशंकर ने कहा था कि अगर अयोध्या में राम मंदिर नहीं बना तो भारत का हाल सीरिया जैसा हो जाएगा। अल्पसंख्यक समुदाय ने इस बयान को धमकी माना है। दिल्ली में फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मुफ्ती मुकर्रम का कहना है कि, “आम आदमी प्रेम से जिंदगी गुजारना चाहता है, लेकिन ये लोग जानबूझकर हालात खराब करना चाहते हैं। अगर देश सांप्रदायिकता की आग में झुलसता है या कोई अप्रिय घटना होती है, तो इसके जिम्मेदार यही लोग होंगे। कुछ भी हुआ तो उसे करने वाले हिंदू या मुसलमान नहीं, बल्कि इन्हीं लोगों के समर्थक और कार्यकर्ता होंगे।”

श्रीश्री के बयान को जुमलेबाज़ी करार देते हुए मुफ्ती मुकर्रम कहते हैं कि इससे मुसलमानों को खौफजदा करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि, “हमें डराया जा रहा है। चुनौती दी जा रही है। इनकी बातों से ऐसा लगता है कि जैसे राम मंदिर बनाने के लिए वे किसी भी हद तक जा सकते हैं। ऐसे हालात में उनकी जुबां पर वही आता है जो उनके दिलों में है।” उन्होंने आगे कहा कि, “हमें उम्मीद है कि अदालत इस मामले में जो भी फैसला करेगी, आम लोग उसे स्वीकार करेंगे। इंशा अल्लाह गृहयुद्ध जैसे हालात नहीं होंगे। अगर फिर भी कुछ होता है तो इसके लिए श्री श्री रविशंकर जैसे लोग ही जिम्मेदार होंगे।”

श्री श्री रविशंकर के बयान पर जानी मानी सामाजिक कार्यकर्ता शबनम हाशमी कहती हैं कि, “ऐसा महसूस हो रहा है मानो वह किसी एक विशेष वर्ग को उकसाने की कोशिश कर रहे हैं। अभी तक तो सब कुछ छिपा हुआ था और लोग उनको गुरु मानते थे, लेकिन इस बयान के बाद जाहिर हो गया है कि वह भी आरएसएस के रास्ते पर ही चल रहे हैं।” शबनम हाशमी कहती हैं कि, “उनका पूरा इंटरव्यू देखने से लगता है कि यह किसी आध्यात्मिक गुरु का नहीं बल्कि किसी संघ प्रचारक का इंटरव्यू हो। जो लोग उन्हें अभी तक आध्यात्मिक गुरु मान रहे थे, इस बयान के बाद उनकी भी गलतफहमी दूर हो गई है।”

वहीं फुलवारी शरीफ में इमारते शरीया के संचालक अनीसुर्रहमान कासमी ने भी श्री श्री रविशंकर के इस बयान की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि, “देश में कानून है, संविधान है, लोग प्रेम और भाईचारे से रहते हैं, इस तरह का बयान देकर बिना वजह माहौल खराब किया जा रहा है।” उन्होंने कहा कि, “ये लोग नासमझ हैं दो देश के माहौल को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। मुझे तो लगता है कि वह अधार्मिक व्यक्ति है। जो धार्मिक लोग होते हैं वह इस तरह के बयान नहीं देते क्योंकि किसी भी धर्म को मानने वाला हिंसा फैलाने वाला बयान नहीं देता।”

गौरतलब है कि श्री श्री रविशंकर ने टीवी इंटरव्यू में कहा था कि अयोध्या मसले का हल नहीं निकला तो देश सीरिया जैसा बन जाएगा। उन्होंने यह भी कहा था कि अयोध्या मुसलमानों की धार्मिक जगह नहीं है, इसलिए उन्हें वहां से अपना दावा छोड़ देना चाहिए। मुसलमानों की तरफ इशारा करते हुए श्री श्री रविशंकर ने कहा था कि देश के भविष्य को उन लोगों के हवाले मत कीजिए जो झगड़े को ही अपना अस्तित्व मानते हैं।

अपने इस बयान की चौतरफा आलोचना के बाद मंगलवार को श्री श्री रविशंकर ने सफाई दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, “सावधानी को धमकी मानना और सौहार्द को हमला मानना विकृत मन की पहचान है।”

अपने इस ट्वीट में श्री श्री रविशंकर ने दो हैशटैग इस्तेमाल किए। एक में अयोध्या और दूसरे में राम मंदिर लिखा। यहां भी उन्होंने उन लोगों को विकृत मन का बताया जो उनके बयान की निंदा कर रहे हैं।

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