मुंबई में फिर खुलेंगे डांस बार, सुप्रीम कोर्ट ने दी इजाज़त, लेकिन नोट नहीं उड़ाए जाएंगे
सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई में डांस बार को कुछ शर्तों के साथ इजाजत दे दी है। कोर्ट कहा है कि डांस बार पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है। 2005 से महाराष्ट्र द्वारा कोई लाइसेंस नहीं दिया गया है। नियम हो सकते हैं, लेकिन पूरी तरह से बंद नहीं होनी चाहिए।
मुंबई में डांस बार को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। फैसले के अनुसार मुंबई में एक बार फिर डांस बार खुलने का रास्ता साफ हो गया है। लेकिन कोर्ट ने इसके लिए कई शर्तों के साथ खोलने की मंजूरी दी है। कोर्ट ने डांसरों को टिप देने की अनुमति दी है लेकिन बार के अंदर डांसरों पर पैसे उड़ाने पर प्रतिबंध लगाया है। बता दें कि 30 अगस्त 2018 को सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
महाराष्ट्र सरकार के डांसिंग क्षेत्र में सीसीटीवी लगाने के नियम को रद्द करते हुए कोर्ट ने कहा कि यह निजता का उल्लंघन करती है। कोर्ट ने कहा कि डांस बार में एरिया और ग्राहकों के बीच दीवार नहीं होगी। सरकार ने यह नियम तय किया था कि ग्राहक और डांसरों के बीच एक 3 फुट ऊंची दीवार बनाई जाए, जिससे डांस तो देखा जा सके, मगर डांसर तक पहुंचा न जा सके।
कोर्ट ने कहा, “डांस बार पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता। महाराष्ट्र में साल 2005 के बाद से कोई लाइसेंस नहीं दिया गया है। इनके लिए नियम बनाए जा सकते हैं लेकिन पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता।”
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि समय के साथ अश्लील डांस की परिभाषा भी बदल रही है और ऐसा लगता है कि मुंबई में मोरल पुलिसिंग हो रही है। वहीं देवेंद्र फडणवीस सरकार ने कहा था कि नया कानून संवैधानिक दायरे में आने के साथ-साथ गैरकानूनी गतिविधियों और महिलाओं का शोषण भी रोकता है।
अब डांस बार में क्या होगा और क्या नहीं
- डांसर को टिप दी जा सकती है, लेकिन उन पर पैसे नहीं उछाले जा सकते।
- सीसीटीवी कैमरा लगाने और अच्छे लोगों को ही लाइसेंस देने की शर्त को खत्म किया।
- डांस बार में सीसीटीवी कैमरों की कोई जरूरत नहीं, निजता का उल्लंघन
- कोर्ट ने अश्लील डांस की परिभाषा बरकरार रखी है
- बार और डांसिग एरिया अलग रखने की शर्त खारिज
- डांस बार में अश्लीलता नहीं होनी चाहिए
- स्कूल और धार्मिक स्थान से एक किलोमीटर की दूरी की शर्त अतार्किक
- डांस बार में एरिया और ग्राहकों के बीच दीवार नहीं होगी
- डांस बार पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता
- हर व्यक्ति को जीविका कमाने का अधिकार
बता दें कि इंडियन होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने राज्य सरकार के नए एक्ट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। राज्य सरकार ने नए लाइसेंस देने के लिए नियाम और कड़े कर दिए थे। नए कानून के अनुसार था कि बार सिर्फ शाम 6:30 से रात 11:30 तक ही खुल सकते हैं और राज्य में ऐसे किसी भी बार या होटल में शराब नहीं परोसी जाएगी जहां लड़कियां डांस करती हैं।
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