मुकुल रोहतगी दूसरी बार बनेंगे देश के अटार्नी जनरल, इसी महीने तक है वेणुगोपाल का कार्यकाल
91 वर्षीय वेणुगोपाल को 30 जून, 2017 को देश के शीर्ष कानून अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था। बता दें कि रोहतगी इससे पहले जून 2014 में भी अटॉर्नी जनरल के रूप में नियुक्त किए गए थे और जून 2017 तक सेवा दी थी।
वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी का फिर से भारत का अटॉर्नी जनरल बनना तय है। वह 1 अक्टूबर से देश के शीर्ष विधि अधिकारी के रूप में अपना दूसरा कार्यकाल शुरू करने वाले हैं। मौजूदा अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल का कार्यकाल 30 सितंबर को समाप्त हो रहा है।
91 वर्षीय वेणुगोपाल को 30 जून, 2017 को देश के शीर्ष कानून अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था। बता दें कि रोहतगी इससे पहले जून 2014 में भी अटॉर्नी जनरल के रूप में नियुक्त किए गए थे और जून 2017 तक सेवा दी थी।
वेणुगोपाल ने हाल ही में कहा था कि वह अपना मौजूदा कार्यकाल पूरा होने के बाद शीर्ष कानून अधिकारी के रूप में काम जारी नहीं रख सकते।
क्या होता है अटॉर्नी जनरल का पद?
अटॉर्नी जनरल केंद्र सरकार के लिए देश के सबसे शीर्ष कानून अधिकारी और मुख्य कानूनी सलाहकार होते हैं। जो सुप्रीम कोर्ट में महत्वपूर्ण मामलों में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व करते हैं। अटॉर्नी जनरल सरकार का प्रथम विधि अधिकारी होता है।
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia