बिहार में मुकेश सहनी को लगा सरकारी बंगले का श्राप! मंत्रियों के लिए अशुभ साबित होने का रहा है इतिहास
बिहार सरकार के मंत्री मुकेश सहनी फिलहाल जिस स्ट्रैंड रोड स्थित छह नंबर के सरकारी बंगले में रह रहे हैं, उसमें रहने वाले मंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पा रहे हैं। कम से कम पिछले तीन मंत्रियों को लेकर तो यह बात सौ फीसदी सही नजर आ रही है।
राजनीति में अंधविश्वास का प्रचलन कोई नया नहीं है। बुधवार को बिहार में सत्तारूढ़ वीआईपी के सभी तीन विधायकों के बीजेपी में शामिल हो जाने के बाद अब वीआईपी के संस्थापक मुकेश सहनी के मंत्री बने रहने पर भी संशय बरकरार है। ऐसे में इसे अंधविश्वास से जोड़कर देखा जाने लगा है और उनके सरकारी बंगले से जोड़कर देखा जा रहा है।
दरअसल बिहार सरकार के मंत्री मुकेश सहनी फिलहाल जिस स्ट्रैंड रोड स्थित छह नंबर के सरकारी बंगले में रह रहे हैं, उसमें रहने वाले मंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पा रहे हैं। कम से कम पिछले तीन मंत्रियों को लेकर तो यह बात सौ फीसदी सही नजर आ रही है। अब इसी को लेकर सवाल उठाए जाने लगे हैं कि क्या सहनी नीतीश कुमार मंत्रिमंडल में अपना कार्यकाल पूरा कर पाएंगे।
बताया जाता है कि इस बंगले का आवंटन वर्ष 2010 में जेडीयू नेता और उत्पाद विभाग के मंत्री अवधेश कुशवाहा को किया गया था। लेकिन कार्यकाल पूरा करने से पहले ही रिश्वतखोरी के एक मामले में वे फंस गए। कुशवाहा को कार्यकाल के पहले ही इस्तीफा देना पड़ गया, जिससे उनका सरकारी बंगला भी छिन गया।
इसके बाद बिहार में वर्ष 2015 में आरजेडी और जेडीयू की सरकार बनी तब यह सरकारी बंगला सहकारिता मंत्री बने आलोक मेहता के हिस्से आया। उन्हें इस बंगले में रहते हुए करीब डेढ़ साल ही गुजरे थे कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया और फिर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार का गठन कर लिया। नीतीश के इस निर्णय के कारण आलोक मेहता को मंत्री पद गंवाना पड़ा, जिससे वे बंगला में रहते अपने कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए।
इसके बाद मंत्री बनीं मंजू वर्मा को यह आवास आवंटित किया गया, लेकिन वो भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सकीं। उनका नाम मुजफ्फरपुर बालिका आश्रय गृह से जोड़े जाने के बाद उन्हें भी मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद विधानसभा चुनाव 2020 के बाद मंत्री बने मुकेश सहनी को यह बंगला आवंटित किया गया। फिलहाल सहनी इसी आवास में रह रहे हैं, लेकिन उनके सभी तीन विधायक पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए हैं।
इधर, गुरुवार को जब मंत्री पद से इस्तीफा देने के संबंध में सहनी से पूछा गया तब उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विशेषाधिकार है। वे जैसा कहेंगे हम करेंगे। ऐसे में अब देखना होगा कि सहनी इस सरकारी बंगला में रहते हुए अपना कार्यकाल पूरा करते हैं या अन्य तीन मंत्रियों की तरह यह बंगला उनके लिए भी अशुभ ही साबित होता है।
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