FIFA 2022: मोरक्को ने रचा इतिहास, रोनाल्डो के पुर्तगाल को हराकर सेमीफाइनल में बनाई जगह, निसारी और बूनो मैच के हीरो
कतर की जमीन पर मोरक्को ने इतिहास रच दिया। अरब की भूमि पर रोनाल्डो की पुर्तगाल को विश्व कप से बाहर का रास्ता दिखाकर मोरक्को विश्व कप फुटबॉल के सेमीफाइनल में पहुंचने वाला पहला अफ्रीकी देश बन गया।
यूसुफ अन निसारी के उस शानदार हेडर से जब बॉल सर्राती हुई पुर्तगाल के गोलपोस्ट में दाखिल हुई तो, बेंच पर बैठे क्रिस्टियानो रोनाल्डो अवाक रह गए। उन्होंने सदमे में अपनी आंखें बंद कर लीं और चेहरे के भावों से स्पष्ट हो गया कि खेल का पलड़ा मोरक्को की तरफ झुक रहा है। क्वार्टर फाइनल मुकाबले के पहले हाफ में हुए इस गोल के बाद पुर्तगाल ने बहुत कोशिश की, लेकिन आज की रात मोरक्को की रात थी और इतिहास के पन्ने उसके नाम का इंतजार कर रहे थे।
नियमित 90 मिनट के बाद मिले अतिरिक्त 8 मिनट में भी पुर्तगाल गोल नहीं कर सका तो मैदान छोड़कर वापस लौटते रोनाल्डो रो रहे थे। उनकी इस हालत पर उनके प्रशंसक और फुटबॉल प्रेमियों का कलेजा मुंह को आ गया। लेकिन ऐतिहासिक क्षण ऐसे ही होते हैं। और कतर की जमीन पर मोरक्को ने इतिहास रच दिया। अरब की भूमि पर रोनाल्डो की पुर्तगाल को विश्व कप से बाहर का रास्ता दिखाकर मोरक्को विश्व कप फुटबॉल के सेमीफाइनल में पहुंचने वाला पहला अफ्रीकी देश बन गया।
रोनाल्डो जैसे स्टार की टीम पर 1-0 की विजय हासिल कर मोरक्को की टीम का जोश सातवें आसमान पर था, स्टेडियम लाल रंग की लहरों से सराबोर हो रहा था और पुर्तगाल के खिलाड़ी आंखों में आंसू लिए कुछ किस्मत और कुछ अपनी गलतियों पर पछता रहे थे।
मोरक्को के हीरो इन निसारी हैं तो उनके गोलकीपर यासीन बोनो के एक्रोबैटिक रक्षण को भी नहीं भुलाया जा सकता। इन निसारी ने हालांकि गोल करने से पहले भी दो बार हेडर के जरिए मोरक्को को बढ़त दिलाने की कोशिश की थी, लेकिन चूक गए थे। लेकिन पहले हाफ के 42वें मिनट में जब याह्या अतिअत अल्लाह के असिस्ट से उन्हें मौका मिला तो उन्होंने पुर्तगाल गोलकीपर डियोगो कोस्टा और डिफेंडर रुबेन डियास से ऊंची छलांग लगाई, और वह हासिल कर लिया जिसकी तलाश उन्हें थी। इस दौरान रोनाल्डो बैंच पर बैठे थे और उनकी जगह पुर्तगाल ने गोंकालो रामोस को प्लेइंग इलेवन में मौका दिया था जिन्होंने स्विटजरलैंड के खिलाफ हैट्रिक लगाई थी।
मैच में पुर्तगाल और मोरक्को के बीच शुरुआत से ही कड़ी टक्कर देखने को मिली। बॉल पजेशन हो या गोल करने की कोशिश, हर मामले में दोनों टीमें एकदूसरे पर भारी पड़ती नजर आईं। लेकिन बाजी मोरक्को ने मारी और विश्व कप फुटबॉल के इतिहास में अपना नाम सुनहरे अक्षरों से दर्ज करा लिया। मोरक्को की इस ऐतिहासिक जीत से पहले 1990 में कैमरून ने, 2002 में सेनेगल ने और 2010 में घाना ने क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय किया था। लेकिन कोई भी अफ्रीकी टीम इससे आगे नहीं बढ़ सकी थी। वहीं 1966 और 2006 में दो बार सेमीफाइनल तक पहुंचने वाली पुर्तगाल का सफर इस मैच के साथ ही खत्म हो गया।
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