कोरोना वैक्सीन की दो डोज़ के बीच अब 6-8 सप्ताह का अंतर, नया नियम सिर्फ कोविशील्ड पर लागू
कोरोना वैक्सीन की दो डोज़ के बीच अब पहले के मुकाबले अधिक समय का अंतर होगा। केंद्र ने इसके लिए गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। लेकिन नया नियम सिर्फ सीरम इंसटीट्यूट की कोविशील्ड पर ही लागू होगा, कोवैक्सीन की डोज के बीच दो खुराक का अंतर पहले जैसा रहेगा।
कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक के बीच अब पहले से ज्यादा वक्त का अंतर रहेगा। पहले वैक्सीन की दो खुराकों के बीच 4 से 6 सप्ताह यानी 28 से 42 दिन का अंतर रखा जाता था, लेकिन अब केंद्र सरकार की नई गाईडलाइंस में इसे 6 से 8 सप्ताह यानी 42 से 56 दिन का अंतर रखने के निर्देश जारी किए हैं। लेकिन रोचक तथ्य यह है कि नया नियम सिर्फ सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड वैक्सीन पर लागू होगा और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन पर लागू नहीं होगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया है कि ट्रायल्स डेटा के अनुसार अगर 6-8 सप्ताह के भीतर कोवीशील्ड के दो डोज दिए जाते हैं तो कोरोना वायरस से सुरक्षा बढ़ जाती है। पर यह अंतर 8 सप्ताह से अधिक नहीं होना चाहिए। ध्यान रहे कि भारत में अब तक 4.50 करोड़ वैक्सीन डोज लगाए जा चुके हैं। इनमें 3.75 करोड़ लोगों को पहले डोज दिए गए हैं। वहीं, 75 लाख लोगों को दूसरा डोज भी दिया जा चुका है।
केंद्र सरकार ने नई गाइडलाइन को लेकर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सूचित कर दिया है। इस समय देश में कोरोना के दो ही वैक्सीन का इस्तेमाल हो रहा है- इनमें एक है पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में बन रही कोवीशील्ड, और दूसरी है हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक की कोवैक्सीन।
वैक्सीन की दो डोज के बीच अंतर का समय बढ़ाने का फैसला नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्युनाइजेशन और नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर कोविड-19 की 20वीं बैठक में कोवीशील्ड पर यह फैसला किया गया है। इसके आधार पर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर कहा कि भारत सरकार ने दोनों ही समूहों की सिफारिशों को मंजूर कर लिया है।
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