मोदी के खिलाफ 100 से ज्यादा रिटायर्ड फौजियों ने वाराणसी में जमाया डेरा, पीएम के विरुद्ध करेंगे चुनाव प्रचार

पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 100 से अधिक रिटायर्ड सेना और अर्द्ध सैनिक बलों के जवानों ने डेरा डाले हुए हैं। ये लोग पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव प्रचार करने का ऐलान किया है। इन फौजियों का कहना है कि पीएम मोदी ने सेना को कमजोर किया हैं और सेना में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया हैं।

फोटो: सोशल मीडिया 
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नवजीवन डेस्क

पीएम मोदी के लिए लोकसभा चुनाव किसी परीक्षा से कम नहीं है। पूरे देश में बीजेपी के खिलाफ माहौल पैदा हो चुका है। दूसरी ओर वाराणसी में कुछ ऐसे हालात पैदा हो गए हैं जिसे देखकर मोदी सरकार परेशान है। वाराणसी में 100 से अधिक रिटायर्ड या बर्खास्त सेना और अर्द्ध सैनिक बलों के जवानों ने डेरा डाल दिया है। ये लोग पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव प्रचार करेंगे। इन फौजियों का कहना है कि पीएम मोदी ने सेना को कमजोर किया है। इतना ही नहीं सेना में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है। खबरों के मुताबिक रिटायर्ड फौजी वाराणसी के मडु़आ डीह क्षेत्र में ठहरे हुए हैं।

खबरों के मुताबिक, यहां ठहरे सभी रिटायर्ड जवानों ने खराब खाने की शिकायत करने के बाद बर्खास्त किए गए बीएसएफ जवान तेज बहादुर के समर्थन में प्रचार करने का ऐलान किया है। बता दें कि तेज बहादुर फौजी ने वाराणसी से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन किया है। नामांकन के बाद तेज बहादुर का कहना है कि मैं सच्चा चौकीदार हूं और फर्जी चौकीदार के खिलाफ लड़ रहा हूं।


पीएम मोदी का विरोध कर रहे फौजियों का कहना है कि वे अपने बड़े अधिकारियों और भ्रष्टाचार के विरोध करने की कीमत अदा कर रहे हैं। इसके पीछे मोदी सरकार की तरफ से भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ उनकी शिकायतों को नजरअंदाज करना है।

सीआरपीएफ से सस्पेंड किए गए पंकज मिश्रा ने कहा, “सैनिकों की तरफ से कम से कम 4000 शिकायतें दी गई हैं। इनमें अधिकारियों की तरफ से अपने घरों पर छोटे-छोटे काम करने पर मजबूर किया जाता है। ये सभी शिकायतें पिछले तीन साल से पीएमओ में पेंडिंग पड़ी हैं।”

इससे पहले भी भारतीय सेना के पूर्व अधिकारियों ने मोदी सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए खिलाफ देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक चिठ्ठी लिखी थी। भारतीय सेना के 150 से भी अधिक पूर्व अधिकारियों ने मोदी सरकार द्वारा सेना का राजनीतिकरण किये जाने का आरोप लगाया था।


इस चिट्ठी में सैन्य अधिकारियों ने शिकायत की थी कि देश के जवान सरहद पर अपनी जान की बाजी लगाकर दुश्मन से लड़ते हैं और ऐसे में सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक जैसे सेना के ऑपरेशन का श्रेय देश के सत्ताधारी दल ले रहे है।

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Published: 26 Apr 2019, 12:36 PM