रिपब्लिक टीवी-अर्णब गोस्वामी के खिलाफ 100 से ज्यादा FIR, सांप्रदायिक भावनाएं भड़काने का आरोप

रिपब्लिक टीवी और इसके संपादक अर्णब गोस्वामी के खिलाफ देश के विभिन्न थानों में 100 से ज्यादा एफआईआर दर्ज हुई हैं। गोस्वामी पर सांप्रदायिक घृणा फैलाने, हिंसा के लिए लोगों को उकसाने और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ अपशब्दों के प्रयोग का आरोप है।

सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

पालघर हिंसा को लेकर किए गए कार्यक्रम में भड़काऊ बातें करने और अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने पर रिपब्लिक टीवी और इसके संपादक अर्णब गोस्वामी अभियुक्त बनाए गए हैं। देश के विभिन्न थानों में उनके खिलाफ 105 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की गई हैं। अर्णब पर सांप्रदायिक भावनाएं भड़काने, लोगों को हिंसा के लिए उकसाने और एक महिला के खिलाफ अपशब्द और अपमानजनक बातें करने का आरोप है।

छत्तीसगढ़ में ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने 101 एफआईआर दर्ज कराई हैं। राजधानी रायपुर में दो एफआईआर हुई हैं, जिनमें से एक राज्य के कैबिनेट मंत्री टी एस सिंह देव ने दर्ज कराई है जबकि दूसरी कुमार राजा की शिकायत पर दर्ज हुई है। इसके अलावा दुर्ग जिले में 12, महासमुंद में 7, बिलासपुर में 4 और जांजगीर-चंपा में 8 एफआईआर दर्ज हुई हैं।

रिपब्लिक टीवी-अर्णब गोस्वामी के खिलाफ 100 से ज्यादा FIR, सांप्रदायिक भावनाएं भड़काने का आरोप

इसी तरह अर्णब और रिपब्लिक टीवी के खिलाफ महाराष्ट्र में 4, उत्तर प्रदेश, हिमाचल और मध्य प्रदेश में एक-एक एफआईआर दर्ज हुई है। अर्णब गोस्वामी पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज हुआ है जिनमें समुदायों के बीच वैमनस्यता फैलान, सांप्रदायिक नफरत भड़काने, हिंसा के लिए उकसाने और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ अपशब्दों के इस्तेमाल कर मानहानि करने की धाराएं हैं। अर्णब पर यह धाराएं 21 अप्रैल को महाराष्ट्र की पालधर मॉब लिंचिंग पर आयोजित और प्रसारित एक कार्यक्रम को लेकर की गई हैं।

कार्यक्रम के दौरान अर्णब ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ बेहद अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया और उन्हें तरह-तरह के नामों से बुलाया। इसके बाद कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओँ के साथ ही तमाम वरिष्ठ पत्रकारों ने अर्णब गोस्वामी के इस कृत्य की निंदा की। इतना ही नहीं इस बारे में #ArrestAntiIndiaArnab हैशटैग के साथ ट्वीट किए गए, जो बुधवार को ट्विटर पर नंबर एक पर ट्रेंड करता रहा।

अर्णब की इस बात के लिए आलोचना की कि उन्होंने पत्रकारीय नैतिकता और मापदंडो की धज्जियां उड़ाते हुए ‘पागलनपन की हद तक’ आपा खो दिया और उलूल-जुलूल बोलते रहे।

हालांकि इसके बाद अर्णब गोस्वामी ने दावा किया कि 22 अप्रैल की मध्यरात्रि मुंबई में उन पर दो लोगों ने हमला किया और दोनों हमलावर कांग्रेस कार्यकर्ता थे। लेकिन अर्णब का यह दावा महज नाटक निकला क्योंकि जो वीडियो उन्होंने शेयर किया उसका मेटा डाटा दर्शाता है कि वीडियो घटना में बताए गए और दावा किए गए समय से काफी पहले रिकॉर्ड किया गया था।

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