संघ प्रमुख ने माना चीन ने किया हमारी जमीन पर कब्जा, राहुल गांधी का कटाक्ष- लेकिन सच्चाई स्वीकारने से डरते हैं
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने माना है कि चीन ने हमारी जमीन पर कब्जा किया और अब भी लगातार कर रहा है। राहुल गांधी ने मोहन भागवत के इस बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि सच्चाई सब जानते हैं, लेकिन सरकार से साफ कहने की हिम्मत नहीं है।
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने दशहरे के मौके पर दिए अपने भाषण में कोरोना से लेकर धारा 370 तक और सीएए-एनआरसी से लेकर चीन के कब्जे तक का जिक्र किया। उन्होंनेे चीन के संदर्भ में माना कि, "पूरी दुनिया को पता है कि चीन ने सीमा पर हमारी जमीन पर कब्जा किया और अब भी लगातार कर रहा है। हर कोई चीन की विस्तारवादी नीतियों को जानता है। इसके भारत के साथ ही ताइवान, वियतनाम, अमेरिका और जापान से भी टकराव मोल लिया है।"
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भागवत के इसी बयान पर कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा है कि, "अपने मन के भीतर भागवत जी जानते हैं कि सच्चाई क्या है। लेकिन वे इसका सामना करने से डरते हैं। सच्चाई यही है कि चीन ने हमारी जमीन कब्जाई है और सरकार और संघ ने ऐसा होने दिया।"
राहुल गांधी ने अपने ट्वीट के साथ न्यूज एजेंसी के उस ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर किया जिसमें लगे वीडियो में मोहन भागवत कह रहे हैं कि चीन ने सीमा पर हमारी जमीन पर अतिक्रमण किया और अब भी कर रहा है। राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी और संघ ने इस अतिक्रमण को होने दिया।
गौरतलब है कि चीन और भारत इस साल अप्रैल-मई से पूर्वी लद्दाख में संघर्षरत हैं। इस दौरान भारत ने भारी संख्या में सैनिकों को इस इलाके में तैनात किया है, वहीं लगातार यह खबरें भी आ रही हैं कि चीन भारतीय सीमा में काफी अंदर आ चुका है और उसने सीमा के नजदीक स्थाई निर्माण भी किए हैं।
राहुल गांधी का बयान सामने आने के फौरन बाद न्यूज एजेंसी एएनआई ने मोहन भागवत के भाषण को लेकर किए गए ट्वीट पर सफाई दी है। एजेंसी ने कहा है कि "अतिक्रमण शब्द के अनुवाद में गलती हो गई।" इसके आगे एजेंसी ने नए सिरे से मोहन भागवत के बयान को लिखा है, "यह विश्व को पता है कि चीन ने कैसे हमारी सीमा में घुसपैठ की और अभी भी करने का प्रयास कर रहा है। हर कोई उसकी विस्तारवादी रवैये से परिचित है...."
लेकिन एजेंसी के पूर्व में किए गए ट्वीट के साथ शेयर मोहन भागवत का वीडियो अलग ही बात कहत है। इस वीडियो में मोहन भागवत साफ कहते सुने जा सकते हैं कि, "...इस कालावधि में चीन ने हमारी सीमाओं में अतिक्रमण किया और कर रहा है...." इससे स्पष्ट है कि भले ही एजेंसी ने अतिक्रमण शब्द का अनुवाद गलत किया हो, लेकिन मोहन भागवत साफ कह रहे हैं कि चीन ने हमारी सीमाओं में अतिक्रमण किया।
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