LIVE: राहुल गांधी ने कहा, ‘फेक न्यूज’ पर यू-टर्न मोदी सरकार की घबराहट का सबूत
अपने ही आदेश पर पीएम को लेना पड़ा 'यू-टर्न': राहुल गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने फेक न्यूज प्रकरण पर पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा है कि चौतरफा बढ़ते गुस्से से घबराकर प्रधानमंत्री ने अपने ही आदेश पर यू-टर्न लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार के इन कदमों से साफ होता है कि हालात उनके हाथ से निकल चुके हैं और वे घबराए हुए हैं।
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने सूचना प्रसारण मंत्रालय के कदम की कड़ी निंदा की
पीसीआई और एनबीए के अध्यक्ष से चर्चा के बाद ईरानी ने गाइडलाइन जारी की: बरखा दत्त
वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त ने फेक न्यूज प्रकरण में सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि फेक न्यूज पर सूचना प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा जारी गाइडलाइन अचानक से नहीं आई थी। बरखा दत्त ने कहा कि सूत्रों का कहना है कि इस पर ईरानी ने प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया और एनबीए के अध्यक्ष से एक महीने तक चर्चा की थी और उन्हें पहले से इस गाइडलाइन की जानकारी थी। बरखा दत्त ने कहा, “अब जवाब देने की बारी उनकी है।”
मीडिया को कुचलने की कोशिश का मतलब है राजनीतिक आत्महत्या की ख्वाहिशः चेतन भगत
अगर आप चुनाव से एक साल पहले मीडिया का मुंह बंद करने और इसे कुचलने की कोशिश करते हैं तो इसका मतलब है कि आपकी राजनीतिक आत्महत्या करने की इच्छा है।
इस कदम के पीछे सरकार के इरादे क्या हैं, सबको पता हैः शर्मिष्ठा मुखर्जी
'फेक न्यूज' प्रकरण: सरकार के 'यू टर्न' पर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया
मवेशियों की खरीद-बिक्री पर कानून अब तक वापस नहीं लिया गया हैः सुनील जैन
फेक न्यूज पर सूचना प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइंस को प्रधानमंत्री द्वारा वापस लिए जाने का आदेश देने के कदम का स्वागत करते हुए पत्रकार सुनील जैन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा किया। साथ ही उन्होंने पीएम मोदी को सलाह भी दी कि, “लेकिन अब आपको यह देखने की जरूरत है कि ऐसी नीतियां किस तरह से अधिसूचित हो जाती हैं... क्या इसमें सिर्फ एक मंत्री की मर्जी थी? और मवेशियों की खरीद-बिक्री पर कानून को अभी तक आपकी सरकार द्वारा वापस नहीं लिया गया है।”
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को तत्काल बंद कर दिया जाना चाहिएः सागरिका घोष
फेक न्यूज पर सूचना प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइंस को वापस लिए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्ठ पत्रकार सागरिका घोष ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट किया, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अस्तित्व में रहने का कोई कारण नहीं है। एक लोकतंत्र को सूचना के ‘मंत्रालय’ की क्या जरूरत? इसे तत्काल बंद कर दिया जाना चाहिए और यहां काम करने वालों को कहीं और काम पर रखना चाहिए।
क्या पीएम से बिना सलाह किए ही स्मृति ईरानी ने ये फैसला लियाः निखिल वागले
सरकार द्वारा फेक न्यूज पर जारी गाइडलाइंस को वापस लिए जाने के पूरे प्रकरण पर वरिष्ठ पत्रकार निखिल वागले ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, “पीएम मोदी स्मृति ईरानी को फेक न्यूज सर्कुलर वापस लेने के लिए कहते हैं। उसका क्या अर्थ है? क्या स्मृति ने यह फैसला पीएमओ से बिना मशविरा किए लिया था? या प्रधानमंत्री इसे एक प्रयोग का मामला बनाना चाहते थे।”
फेक न्यूज पर फरमान वापस लेने के बाद स्मृति ईरानी ने बदले सुर, पत्रकारों को दिया न्यौता
फेक न्यूज पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी प्रेस रिलीज को सरकार द्वारा वापस लिए जाने के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी ने अपने सुर बदलते हुए पत्रकारों को चर्चा के लिए न्यौता दिया है। अपने ट्वीट में ईरानी ने कहा कि फेक न्यूज पर पीआईबी की गाइडलाइन्स ने चर्चा छेड़ दी है। इस बारे में कई पत्रकारों और पत्रकार संगठनों ने सकारात्मक सुझाव दिए हैं। सूचना प्रसारण मंत्रालय उन पत्रकार संगठनों के साथ काम करने के लिए तैयार है जो सुझाव देना चाहते हैं, ताकि हम साथ मिलकर फेक न्यूज के खिलाफ लड़ सकें और नैतिक पत्रकारिता को स्थापित कर सकें।
अंत में ईरानी ने पत्रकारों को खुद से मुलाकात करने का न्यौता देते हुए लिखा, “इच्छुक पत्रकार या संगठन सूचना प्रसारण मंत्रालय में मुझ से मिल सकते हैं।”
स्मृति ईरानी को पद से हटाएं प्रधानमंत्रीः स्वाति चतुर्वेदी
वरिष्ठ पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी ने फेक न्यूज प्रकरण पर सरकार की किरकिरी की तरफ इसार करते हुए कहा कि मंत्री पद के अयोग्य स्सृति ईरानी को उनके पद से हटाने का प्रधानमंत्री के लिए यह उचित समय है।
चौतरफा घिरने और अंतरराष्ट्रीय दबाव की वजह से सरकार ने वापस लिया सर्कुलरः सागरिका घोष
वरिष्ठ पत्रकार सागरिका घोष ने फेक न्यूज पर सरकार के कदम वापस लेने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस बात में संदेह है कि मंत्री ने बिना प्रधानमंत्री की जनाकारी के ये फैसला लिया होगा। शायद चारों ओर से कड़ी प्रतिक्रिया और अंतरराष्ट्रीय मीडिया द्वारा इसे उठाने की वजह से भारत में प्रेस की आजादी पर सूचना प्रसारण मंत्रालय के इस विवादित हमले को पीएम को वापस लेना पड़ा है।
देर आए, दुरुस्त आएः राजदीप सरदेसाई
फेक न्यूज पर सरकार द्वारा अपना फैसला वापस लेने पर वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, “प्रधानमंत्री कार्यालय ने फेक न्यूज सर्कुलर को वापस ले लिया है। देर आए दुरुस्त आए।”
मीडिया पर कम नहीं हुआ सरकारी दबावः सिद्धार्थ वर्दराजन
वरिष्ठ पत्रकार सिद्धार्थ वर्दराजन ने ‘फेक न्यूज’ पर सरकार के अपना कदम वापस खींचने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि चौतरफा दबाव की वजह से प्रधानमंत्री कार्यालय ने सरकार के तानाशाही दिशानिर्देशों को वापस ले लिया है, लेकिन मुझे नहीं लगता है कि मीडिया पर सरकारी दबाव खत्म हो गया है।
पत्रकारों पर नकेल का फरमान वापस
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