‘मोदी की गारंटी’ की 4 जून को हवा निकल गई थी, बची-खुची कसर झारखंड की जनता पूरी कर देगी: कांग्रेस
जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री द्वारा किए गई कई वादे गिनाये और उन परियोजनाओं की मौजूदा स्थिति भी बताई। उन्होंने कहा कि झारखंड से किए गए वादों को पूरा करने में नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री के ट्रैक रिकॉर्ड पर एक नजर डालने से पोल खुल जाती है।
कांग्रेस महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर झारखंड के लिए उनके द्वारा किए गए वादों को लेकर निशाना साधते हुए मंगलवार को कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद ‘मोदी की गारंटी’ वाले प्रचार अभियान की हवा निकल गई थी और 13 और 20 नवंबर को झारखंड की जनता बची-खुची कसर भी पूरी कर देगी।
जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री द्वारा किए कुछ वादे गिनाये और उन परियोजनाओं की मौजूदा स्थिति भी बतायी। रमेश ने कहा, ‘‘झारखंड से किए गए वादों को पूरा करने में नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री के ट्रैक रिकॉर्ड पर एक नजर डालिये- कोडरमा में मेडिकल कॉलेज: यह कॉलेज 70 एकड़ भूमि पर बनाया जाना था और इसमें 100 एमबीबीएस की सीटें होनी थीं। नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री ने छह साल पहले 2018 में इसकी आधारशिला रखी थी। 2019 में फिर से इस प्रोजेक्ट (परियोजना) को पूरा करने का वादा किया था, लेकिन यह अभी तक पूरा नहीं हुआ है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इंजीनियरिंग कॉलेज: झारखंड के 2014 के विधानसभा चुनाव के लिए अपने प्रचार अभियान के दौरान, मोदी जी ने एक प्रमुख आईटी संस्थान और कई इंजीनियरिंग कॉलेजों सहित कई औद्योगिक एवं शैक्षिक प्रोजेक्ट्स का वादा किया था। लेकिन, अब तक केवल दो संस्थान ही स्थापित किए गए हैं, राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईईएलआईटी रांची) और केंद्रीय प्लास्टिक इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईपीईटी खूंटी)। इनका भी क्रमशः 9 और 7 वर्षों के बाद कोई स्थायी परिसर नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘रेलवे की बात करें तो अक्टूबर 2022 में रेल मंत्रालय ने चतरा-गया रेल परियोजना को मंजूरी दी लेकिन दो साल बाद भी कोई प्रगति नहीं हुई है। बीजेपी नेताओं ने लगातार कोरबा-लोहरदगा लाइन का भी वादा किया है, लेकिन इसे भी चुपचाप ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मंडल बांध के मामले में 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री ने बड़े धूमधाम से इस परियोजना का शिलान्यास किया था। झारखंड और बिहार में कृषि संकट को दूर करने के लिए संकल्पित यह परियोजना अभी भी लटकी हुई है, जबकि राज्य को हाल के वर्षों में लगातार सूखे का सामना करना पड़ा है।’’
रमेश ने कहा, ‘‘जमशेदपुर हवाई अड्डा की बात करें तो 2016 तक जमशेदपुर में एक ‘फंक्शनल’ (क्रियाशील) हवाई अड्डा था लेकिन 2018 में उड़ान योजना में शामिल होने के बावजूद, नये हवाई अड्डे की योजना साकार नहीं हुई। दिसंबर 2022 तक धालभूमगढ़ हवाई अड्डे के निर्माण के लिए जनवरी 2019 में झारखंड सरकार और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इससे औद्योगिक क्षेत्र के टाटा जैसे प्रमुख उद्योगों समेत आदित्यपुर में एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) को अच्छा बढ़ावा मिलेगा।’’
जयराम रमेश ने कहा कि जब दिसंबर 2022 की तय समयसीमा में काम नहीं हुआ तो बीजेपी के अपने सांसद इस मुद्दे को संसद में उठाने के लिए मजबूर हुए। उन्होंने कहा कि 27 फरवरी, 2023 को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने जवाब दिया और पुष्टि की कि इस परियोजना को छोड़ दिया गया है।
रमेश ने कहा, ‘‘आश्चर्य की बात नहीं है कि मोदी की गारंटी वाले प्रचार अभियान की 4 जून 2024 को पूरी तरह से हवा निकल गई थी। 13 और 20 नवंबर को झारखंड की जनता बची-खुची कसर भी पूरी कर देगी।’’ दरअसल इस साल लोकसभा चुनाव के नतीजे चार जून को घोषित किए गए थे। झारखंड में 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होगा। नतीजे 23 जून को घोषित किए जाएंगे।
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